यदि-तर्हि

इन दोनों अव्ययों को उभयान्वयी अव्यय (Conjuction) माना जाता है।

अर्थ

यदि

  • अगर
  • If

तर्हि

  • तो
  • Then

अर्थात् ये यदि-तर्हि दो वाक्यों को जोड़ सकते हैं। इनका प्रयोग if…..then….. के जैसा होता है। जैसे कि –

यदि तर्हि के उदाहरण

संस्कृत से हिन्दी में यदि तर्हि के उदाहरण

यदि मेघाः आगच्छन्ति, तर्हि वर्षा भविष्यति।

  • अगर बादल आते हैं, तो बारिश होंगी।

यदि जलम् अस्ति, तर्हि जीवनम् अस्ति।

  • यदि पानी है, तो जीवन है।

यदि परिश्रमिणः मनुष्याः सन्ति तर्हि प्रगतिः भवति।

  • यदि मेहनती मनुष्य हैं, तो तरक्की होती है।

यदि शिक्षकः अस्ति, तर्हि छात्रः उत्तमं पठति।

  • यदि शिक्षक है, तो छात्र अच्छा पढ़ते हैं।

हिन्दी से संस्कृत में यदि तर्हि के उदाहरण

अगर बारिष होती है तो फसल होती है।

  • यदि वर्षा भवति तर्हि सस्यं भवति।

अगर रोगी औषध लेता है तो वह स्वस्थ होता है।

  • यदि रोगी औषधं स्वीकरोति तर्हि सः स्वस्थः भवति।

अगर छात्र पढ़ता है तो वह उत्तीर्ण होता है।

  • यदि छात्रः पठति तर्हि सः उत्तीर्णः भवति।

अगर सूर्य अस्त होता है तो रात होती है।

  • यदि सूर्यः अस्तः भवति तर्हि रात्रिः भवति।

अगर शिक्षक आते हैं तो वे पढ़ाते हैं।

  • यदि शिक्षकः आगच्छति तर्हि सः पाठयति।
  • यदि शिक्षकाः आगच्छन्ति तर्हि ते पाठयन्ति।

अगर छात्र पुस्तक देखता है तो वह पुस्तक पढ़ता है।

  • यदि छात्रः पुस्तकं पश्यति तर्हि सः पुस्तकं पठति।

यदि-तर्हि का विकल्प

यदि आप को यदि-तर्हि का प्रयोग नहीं करना है, तो एक विकल्प भी है। और वह है – चेत्

उभयान्वयी अव्यय

यावत्-तावत् उभयान्वयी अव्यय हैं। उभयान्वययी अव्ययों के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए –

https://kakshakaumudi.in/tag/उभयान्वयी-अव्यय/

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