इन दोनों अव्ययों को उभयान्वयी अव्यय (Conjuction) माना जाता है।
अर्थ
यावत्
- जबतक
तावत्
- तबतक
अर्थात् ये यावत्-तावत् दो वाक्यों को जोड़ सकते हैं। जैसे कि –
उदाहरण
यावत् मेघाः सन्ति, तावत् वर्षा भविष्यति।
- जबतक बादल हैं, तबतक बारिश होंगी।
यावत् जलम् अस्ति, तावत् जीवनम् अस्ति।
- जबतक पानी है, तबतक जीवन है।
यावत् परिश्रमिणः मनुष्याः सन्ति तावत् प्रगतिः भवति।
- जबतक मेहनती मनुष्य हैं, तबतक तरक्की होती है।
यावत् शिक्षकः अस्ति, तावत् छात्राः तूष्णीं तिष्ठन्ति।
- जबतक शिक्षक है, तबतक छात्र चुप बैठते हैं।
यदि-तर्हि का विकल्प
यदि आप को यदि-तर्हि का प्रयोग नहीं करना है, तो आप इस अव्यय का प्रयोग कर सकते हैं –
उभयान्वयी अव्यय
यावत्-तावत् उभयान्वयी अव्यय हैं। उभयान्वययी अव्ययों के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए –