शनैः का अर्थ क्या है?
शनैः एक संस्कृत अव्यय है। इसका अर्थ इस प्रकार है –
- धीरे
- धीरे से
- स्लो
- स्लोली
शनैः इस अव्यय की द्विरुक्ति हो सकती है। यानी हम इस अव्यय को एक ही वाक्य में दो बार बोल सकते हैं।
जैसे कि –
एक बार शनैः का प्रयोग –
वृक्षः शनैः वर्धते।
- पेड़ धीरे बड़ा होता है।
द्विरुक्ति के साथ शनैः का प्रयोग –
वृक्षः शनैः शनैः वर्धते।
- पेड़ धीरे धीरे बड़ा होता है।
शनैः इस अव्यय के उदाहरण
शनैश्चर शनैः शनैः सूर्यस्य परिक्रमां करोति।
- शनि (Saturn) धीरे धीरे सूर्य की परिक्रमा करता।
भोजनं शनैः शनैः करणीयम्।
- भोजन धीरे धीरे करना चाहिए।
रे बालक, यानं शनैः चालय।
- अरे बालक, गाड़ी धीरे से चला।