अजादि गण ४५

पाणिनीय व्याकरण के पाँच भाग हैं। – १. सूत्रपाठ (अष्टाध्यायी) २. धातुपाठ ३. फिटसूत्र ४. उणादिसूत्र और ५. गणपाठ।

गणपाठ

पाणिनि जी ने गणपाठ में समान लक्षणों वाले शब्दों को एकत्रित कर के उन के गण (Group) किए हैं। इन में से एक गण है – अजादि गण

अजादि गण

पाणिनीय सूत्रपाठ (यानी अष्टाध्यायी) में अजादि गण का उल्लेख इस सूत्र में किया गया है – अजाद्यतष्टाप् ४।१।४॥

पुँल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में परिवर्तित करने के बारे में यह सूत्र है। इस सूत्र के बारे में पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए –

https://kakshakaumudi.in/प्रत्यय/स्त्रीप्रत्यय/टाप्-प्रत्यय

अजादि गण में निम्न शब्द हैं

  1. अजा।
  2. एडका।
  3. कोकिला।
  4. चटका।
  5. अश्वा।
  6. मूषिका।
  7. बाला।
  8. होडा।
  9. पाका।
  10. वत्सा।
  11. मन्दा।
  12. विलाता।
  13. पूर्वापिहाणा।
  14. पूर्वापहाणा।
  15. अपरापहाणा। 
    • संभस्त्राजिनशणपिण्डेभ्यः फलात्। 
    • सदच्काण्डप्रान्तशतैकेभ्यः पुष्पात्। 
    • शूद्रा चामहत्पूर्वा जातिः।
  16. क्रुञ्चा।
  17. उष्णिहा।
  18. देवविशा।
  19. ज्येष्ठा।
  20. कनिष्ठा।
  21. मध्यमा।
  22. पुंयोगेऽपि। 
    • मूलान्नञः।
  23. दंष्ट्रा॥

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