यवादि गण २५२

पाणिनीय व्याकरण के पाँच भाग हैं। – १. सूत्रपाठ (अष्टाध्यायी) २. धातुपाठ ३. फिटसूत्र ४. उणादिसूत्र और ५. गणपाठ।

गणपाठ

पाणिनि जी ने गणपाठ में समान लक्षणों वाले शब्दों को एकत्रित कर के उन के गण (Group) किए हैं। इन में से एक गण है – यवादि गण

यवादि गण

पाणिनीय सूत्रपाठ (यानी अष्टाध्यायी में यवादि गण का उल्लेख इस सूत्र में किया गया है – मादुपधायाश्च मतोर्वोऽयवादिभ्यः ८।२।९॥

यवादि गण में निम्न शब्द हैं –

  1. यव
  2. दल्मि
  3. ऊर्मि
  4. उर्मि
  5. भूमि
  6. कृमि
  7. क्रुञ्चा
  8. वशा
  9. द्राक्षा
  10. ध्राक्षा
  11. घ्रजि
  12. व्रजि
  13. ध्वजि
  14. निजि
  15. सिजि
  16. सञ्जि
  17. हरित्
  18. ककुद
  19. मरुत्
  20. गरुत्
  21. इक्षुद्रु
  22. मधु

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