संस्कृत प्रश्ननिर्माण २

संस्कृत में प्रश्ननिर्माण का यह दूसरा लेख है। पिछले लेख में हमने देखा –

  • संस्कृत भाषा में प्रश्न निर्माण कैसे होता है?
  • यदि अपेक्षित उत्तर कोई नाम (Noun) हो तो प्रश्न कैसे बनाया जाता है।
  • किम् शब्द के रूपों का इस्तेमाल संस्कृत भाषा में प्रश्न बनाने के लिए कैसे किया जाता है।

 इसमें हम देखेंगे –

  •  यदि अपेक्षित उत्तर कोई विशेषण (Adjective) हो संस्कृत भाषा में प्रश्न कैसे बनाया जाता है।

विशेषण से प्रश्ननिर्माण करना

जैसे कि हमने पिछले लेख में देखा था, यदि हमारा अपेक्षित उत्तर ( जो शब्द हमारे प्रश्न का उत्तर आना चाहिए वह)  कोई नाम हो तो हम किम् शब्द का प्रयोग करते हैं।

परंतु नाम की जगह यदि कोई विशेषण तो हमें – कीदृश  इस शब्द के रूपों का उपयोग करना पड़ता है।

कीदृश शब्द के रूप

कीदृश इस शब्द के रूपों को अन्य इस लेख में लिखा है –

हमारा छात्रों से अनुरोध है कि कृपया कीदृश  शब्द के सभी रूपों को कण्ठस्थ करें।

विशेषण के लिए कीदृश शब्द की मदद से प्रश्ननिर्माण करना

सूत्र –

यदि अपेक्षित उत्तर कोई विशेषण हो तो उसके स्थान पर अनुरूप कीदृश  शब्द का रूप लिखने से प्रश्न बनाया जाता है।

अर्थात हमे क्या करना है –

  • विशेषण का 
    • जो लिंग, जो वचन और जो विभक्ति होगी 
  • उस ही 
    • लिंग वचन और विभक्ति का 
  • कीदृश शब्द का रूप विशेषण के स्थान पर लिखकर अंत में प्रश्न चिन्ह लिखने के बाद हमारा संस्कृत भाषा में प्रश्न तैयार होता है।

कीदृश शब्द की मदद से प्रश्ननिर्माण के उदाहरण

उदाहरण १

  • चतुरः बालकः विद्यालयं गच्छति।

इस वाक्य को लेकर हमें ऐसा प्रश्न बनाना है कि इसका उत्तर चतुरः  यह शब्द आना चाहिए। अब हमने पिछले लेख में देखा था ऐसे समय हमारे अपेक्षित उत्तर के स्थान पर किम् इस शब्द के लोगों का प्रयोग करते थे।

परंतु इस वाक्य में चतुरः  यह शब्द एक विशेषण के रूप में प्रयुक्त किया गया है।

इसीलिए इसके स्थान पर किम्  शब्द के रूपों का प्रयोग नहीं हो सकता।  विशेषण के स्थान पर अनुरूप कीदृश  के रूपों का प्रयोग होता है।

प्रस्तुत वाक्य में चतुरः इस शब्द का रूप कैसा है –

  • लिंग – पुँल्लिंग
  • विभक्ति – प्रथमा
  • वचन – एकवचन 

अब हमें ठीक ऐसा ही कीदृश शब्द का रूप ढूंडना होगा।

संस्कृत प्रश्ननिर्माण ३
संस्कृत प्रश्ननिर्माण ३

पुँल्लिंग प्रथमा एकवचनी कीदृश शब्द का रूप है –

  • कीदृशः

अब हम कीदृशः को चतुरः के स्थान पर लिख कर अन्त में प्रश्नचिह्न लगाकर हमारा प्रश्न बना लेते हैं –

  • कीदृशः बालकः विद्यालयं गच्छति?

उदाहरण २

  • उत्तरम् – रावणः दुष्टानां राक्षसानां राजा।
  • प्रश्नः – रावणः कीदृशानां राक्षसानां राजा?

प्रस्तुत उदाहरण में हमारा अपेक्षित उत्तर – दुष्टानाम्  इस शब्द का लिंग – पुँल्लिंग, विभक्ति – षष्ठी और वचन – बहुवचन है। इसीलिए इसके अनुरूप कीदृश शब्द मिलता है – कीदृशानाम्।

उदाहरण ३

  • मोहनाय शुष्का रोटिका न रोचते।
  • मोहनाय कीदृशी रोटिका न रोचते?

इस उदाहरण में शुष्का इस शब्द का रूप है – स्त्रीलिंग – प्रथमा – एकवचन।

और इस के अनुरूप कीदृश का रूप बनता है – कीदृशी

उदाहरण ४

  • देवः सज्जनान् मनुष्यान् रक्षति।
  • देवः कीदृशान् मनुष्यान् रक्षति।

सज्जनान् = पुल्लिंग – द्वितीया – बहुवचन = कीदृशान्

उदाहरण ५

  • राजा शूराय सैनिकाय सुवर्णं ददाति।
  • राजा कीदृशाय सैनिकाय सुवर्णं ददाति?

पुँल्लिंग, चतुर्थी और एकवचन

उदाहरण ६

  • गङ्गा पवित्रतमे भारतदेशे प्रवहति।
  • गङ्गा कीदृशे भारतदेशे प्रवहति?

पुँल्लिंग, सप्तमी, एकवचन

उदाहरण ७

  • बालिका सुन्दराणि पुष्पाणि पश्यति।
  • बालिका कीदृशानि पुष्पाणि पश्यति?

नपुंसकलिंग, द्वितीया, बहुवचन

विशेष्य से अलग प्रकार के विशेषणों के लिए प्रश्ननिर्माण का अभ्यास

हम जानते हैं कि विशेषण का प्रयोग जिन शब्दों के लिए किया जाता है उसे विशेष्य कहते हैं।  अर्थात विशेषण जिस शब्द का वर्णन करता है वह विशेष्य कहलाता है।

जैसे कि –

चतुरः बालकः विद्यालयं गच्छति। इस वाक्य में –

  • विशेषण – चतुरः
  • विशेष्य – बालकः

प्रस्तुत उदाहरण में विशेषण और विशेष्य दोनों की अकारांत शब्द हैं।  इसीलिए हमें कोई ज्यादा परेशानी नहीं है।

परंतु कभी कबार विशेषण और विशेष्य अलग-अलग प्रकार के शब्दों के हो सकते हैं। इस छात्र गलतियाँ करते हैं। जैसे कि –

बुद्धिमान् छात्रः विद्यालयं गच्छति। इस वाक्य में –

  • विशेषण – बुद्धिमान्
  • विशेष्य – बालकः

इस स्थिति में भी हमें केवल विशेषण का लिंग देखना है, विभक्ति देखना है। बाकी वह कैसा दिख रहा है इस से मतलब नहीं है। यहाँ भी बुद्धिमान् इस शब्द का रूप – पुँल्लिंग, प्रथमा और एकवचन ही है। अतः प्रश्ननिर्माण के लिए कीदृशः ही होगा।

  • कीदृशः बालकः विद्यालयं गच्छति।

भिन्न प्रकार के विशेषण और विशेष्य के लिए प्रश्न निर्माण के उदाहरण

उदाहरण १

  • सुन्दरी बालिका नृत्यं करोति।
  • कीदृशी बालिका नृत्यं करोति?

स्त्री॰ प्र॰ एक॰

उदाहरण २

  • चतुराः नर्तक्यः नृत्यं कुर्वन्ति। 
  • कीदृश्यः नर्तक्यः नृत्यं कुर्वन्ति?

स्त्री॰ प्र॰ बहु॰

उदाहरण ३

  • शक्तिमन्तः सैनिकाः युद्धं कुर्वन्ति।
  • कीदृशाः सैनिकाः युद्धं कुर्वन्ति?

पुँ॰ प्र॰ बहु॰

उदाहरण ४

  • गर्जद्भ्यः मेघेभ्यः जलं वर्षते।
  • कीदृशेभ्यः मेघेभ्यः जलं वर्षते।

पुँ॰ पं॰ बहु॰

उदाहरण ५

  • प्रवहन्ती गङ्गा जलं ददाति।
  • कीदृशी  गङ्गा जलं ददाति?

स्त्री॰ प्र॰ बहु॰

हमारा अपेक्षित उत्तर विशेषण है या नहीं यह ध्यान से देखना चाहिए

ऐसा कहा जाता है कि संस्कृत में प्रायः सारे नाम (Nouns) विशेषण (Adjective) ही होते हैं। 

इसीलिए हमें ध्यान से देखना चाहिए कि हमें जो शब्द प्रश्न के उत्तर में चाहिए (यानी अपेक्षित उत्तर) वह शब्द वाक्य में क्या है? एक भी शब्द किसी वाक्य में नाम भी हो सकता है और किसी अन्य वाक्य में विशेषण भी हो सकता है।

जैसे कि –

सज्जन

नाम के रूप में –

  • एतत् सज्जनस्य गृहम् अस्ति।
    यह सज्जन का घर है।
  • एतत् कस्य गृहम् अस्ति?
    यह किस का घर है?

विशेषण के रूप में –

  • एतत् सज्जनस्य मनुष्यस्य गृहम् अस्ति।
    यह सज्जन मनुष्य का घर है।
  • एतत् कीदृशस्य मनुष्यस्य गृहम् अस्ति?
    यह कैसे मनुष्य का घर है?

गुरु

नाम के रूप में –

  • वसिष्ठः रामस्य गुरुः
    वसिष्ठ राम के गुरु हैं।
  • वसिष्ठः रामस्य कः?
    वसिष्ठ राम के कौन हैं?

विषेषण के रूप में

  • मम द्वारे गुरुः पाषाणः अस्ति।
    मेरे दरवाजे में बड़ा पत्थर है।
  • मम द्वारे कीदृशः पाषाणः अस्ति?
    मेरे दरवाजे में कैसा पत्थर है?

चतुरः

नाम ते रूप में –

  • चतुरः पठति।
    चतुर पढ़ाई करता है।
  • कः पठति?
    कौन पढ़ाई करता है?

विशेषण के रूप में

  • चतुरः बालकः पठति।
    चतुर बालक पढ़ाई करता है।
  • कीदृशः बालकः पठति?
    कैसा बालक पढ़ाई करता है?

उपसंहार

इस प्रकार से इन दोनों लेखों में हमने देखा कि संस्कृत भाषा में सामान्यतः प्रश्नों का निर्माण कैसे किया जाता है। संस्कृत भाषा में प्रश्न निर्माण करने का प्रारंभिक तरीका था। इसके बावजूद भी कुछ विशेष ऐसे सकते हैं जो कभी-कभी प्रश्न बनाने के लिए उपयुक्त होते हैं।

 ऐसे शब्दों के बारे में चर्चा करेंगे।

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