वैसे अगर देखा जाए तो संस्कृत भाषा में दस लकार हैं। परन्तु यदि सामान्य भाषा की दृष्टि से देखा जाए तो लट्, लृट्, लङ्, लोट् औ विधिलिङ् इन पांच लकारों से ही काम चल सकता है। (उस में भी क्तवतु प्रत्यय का प्रयोग करें, तो लङ् लकार की भी आवश्यकता नहीं है।) अतः जिनको प्राथमिक संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करना है, उनके लिए यह लेख है।
साथ ही साथ के॰मा॰शि॰बो॰ (CBSE) अथवा अन्य शिक्षा बोर्डों में भी माध्यमिक शालेय छात्रों को संस्कृत विषय पढ़ाने के लिए ये पांच लकार पढ़ाए जाते हैं। यहाँ हमने पठ् इस धातु के माध्यम से पांचों लकारों की तालिकाएं लिखी हैं।
छात्रों से अनुरोध है कि इन पांचों तालिकाओं को कण्ठस्थ करें। इससे बहुत लाभ होगा।
पठ् धातु
लट् लकार – वर्तमान काल
एक॰
द्वि॰
बहु॰
प्रथमः पुरुषः
पठति
पठतः
पठन्ति
मध्यमः पुरुषः
पठसि
पठथः
पठथ
उत्तमः पुरुषः
पठामि
पठावः
पठामः
संस्कृत भाषा में वर्तमान काला को व्यक्त करने के लिए लट् लकार का प्रयोग होता है। लट् लकार के बारे में अधिक जाने।