लोट् लकार का प्रयोग आज्ञा देने के लिए होता है। यदि आप किसी को आज्ञा देना चाहते हैं, तो धातु से लोट् लकार होता है।
लोट् लकार के प्रत्यय
हर लकार की तरह लोट् लकार के भी परस्मैपदी तथा आत्मनेपदी ऐसे दो प्रकार के प्रत्यय होते हैं। तथा उभयपदी धातुओं से दोनों भी प्रकार के प्रत्यय हो सकते हैं।
प्रारंभ में हम परस्मैपदी धातुओं से लोट् लकार का अभ्यास करेंगे।
लोट् लकार के परस्मैपदी प्रत्यय
एक॰ | द्वि॰ | बहु॰ | |
प्र॰ | तु | ताम् | न्तु |
म॰ | – | तम् | त |
उ॰ | नि | व | म |
यदि आप लोट् लकार का सम्यक् अध्ययन करना चाहते हैं, तो कृपया इस तालिका को कण्ठस्थ करें। नीचे उदाहरणस्वरूप पठ् धातु को लोट् लकार के प्रत्यय लगाकर दिखाए हैं। आप चाहे तो उसे भी कण्ठस्थ करें।
पठ् धातु – लोट् लकार
एक॰ | द्वि॰ | बहु॰ | |
प्र॰ | पठतु | पठताम् | पठन्तु |
म॰ | पठ | पठतम् | पठत |
उ॰ | पठानि | पठाव | पठाम |
अब इसी प्रकार से अन्य धातुओं को यही प्रत्यय लगाकर लोट् लकार के धातुरूप बना सकते हैं। जैसे कि – चल् – चलतु, लिख् – लिखतु, धाव् – धावतु इ॰
लोट् लकार का अभ्यास
प्रथम पुरुष
- छात्रः पठतु।
छात्र पढ़े। - छात्रौ पठताम्।
दोनों छात्र पढ़े। - छात्राः पठन्तु।
सभी छात्र पढ़े।
मध्यम पुरुष
- त्वं पठ।
तू पढ़। - युवां पठतम्।
तुम दोनों पढ़ो। - यूयं पठत।
तुम सब पढ़ो।
उत्तम पुरुष
- अहं पठानि।
मैं पढूँ। - आवां पठाव।
हम दोनों पढ़े। - वयं पठाम।
हम सब पढ़े।
श्लोक में लोट् लकार का उदाहरण
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग् भवेत्॥