अनुच्छेदलेखनम् – संस्कृत में अनुच्छेद कैसे लिखे?

इस लेख में CBSE संस्कृत की परीक्षा में अनुच्छेद लेखन इस प्रश्न पर विचार करेंगे। अनुच्छेद लेखन यह प्रश्न चित्र वर्णन के लिए विकल्प होता है। यदि आप इस प्रश्न का उत्तर ठीक से लिखते हैं, तो इस प्रश्न में भी सभी छात्रों को पूर्ण अंक मिल सकते हैं।

इस लेख में लिखित सभी बिन्दुओं का अध्ययन करने से अनुच्छेद लेखन करने में आप को आसानी होगी।

अनुच्छेद लेखन यह प्रश्न चित्रवर्णन के लिए विकल्प होता है।

इस लेख को हम २०२१-२२ सत्र के लिए लिख रहे हैं। इस शैक्षिक वर्ष में यह प्रश्न चित्रवर्णन के लिए विकल्प है। अर्थात् आप चित्रवर्णन के अलावा अनुच्छेदलेखन कर सकते हैं। यदि आप को चित्रवर्णन ठीक से नहीं आया, तो आप अनुच्छेदलेखन में भी अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।

तथापि हम आप को सलाह देते हैं कि चाहे जो कुछ भी हो, आप को दोनों भी प्रश्नों को हल करना चाहिए। यानी आप चित्रवर्णन भी करें और अनुच्छेदलेखन भी करें।

मान लिया जाए कि आप को चित्रवर्णन में ४ अंक मिले और यदि अनुच्छेदलेखन में ५ अंक मिले तो आप को ४ के स्थान पर पूरे ५ अंक मिल जाते हैं।

चित्रवर्णन के बारे में अधिक पढ़ने के लिए यह सूत्र है –

अनुच्छेदलेखन की अंकयोजना

आप को 2021-22 के शैक्षिक वर्ष की परीक्षा में पांच वाक्य लिखने के लिए कहा जाएगा। और इन में से प्रत्येक वाक्य को एक अंक होगा।

अर्थात् – १ x ५ = ५

यानी प्रत्येक वाक्य एक अंक का है। इस एक अंक का विभाजन इस प्रकार है

  • आधा अंक – वाक्य के भाव के लिए
  • आधा अंक – व्याकरण की शुद्धता के लिए

अर्थात् जो विषय आप को अनुच्छेदलेखन के लिए दिया है वही भाव यदि आप के वाक्य से प्रकट होता है, तो आप को आधा अंक दिया जाता है। फिर व्याकरण में कुछ गलतियाँ भी होगी तो भी आधा अंक मिलेगा।

और यदि आप के वाक्य का भाव सही है (यानी विषय से मिलता है) और व्याकरण भी सही है तो आप को पूरा एक अंक मिलेगा।

अनुच्छेदलेखन

अनुच्छेदलेखन में मञ्जूषा का प्रयोग

एक बात ध्यान में रखिए कि मञ्जूषा केवल के मदद के लिए है। ऐसा जरूरी नहीं है कि मंजूषा में उपस्थित सभी पदों का प्रयोग करना ही है। आप अपने मन से जैसे चाहे वैसे वाक्य बना सकते हैं। बस वे वाक्य हमारे विषय से संबंधित हो।

मञ्जूषा में उपस्थित शब्दों की विभक्ति में परिवर्तन करके भी वाक्य बनाए जा सकते हैं। जैसे कि – यदि मञ्जूषा में पद है – विद्यालयः। यह पद प्रथमा में है। आप इसे ऐसे भी लिख सकते हैं – छात्राः विद्यालये गच्छन्ति। यहाँ विद्यालय यह शब्द सप्तमी में लिखा है। ऐसे ही आप अन्य विभक्तियों में भी कर सकते हैं।

और जो पद मञ्जूषा में नहीं है उनका भी प्रयोग कर के वाक्य बना सकते हैं। यानी आप अपनी बुद्धि का प्रयोग करे भी वाक्य बना सकते हैं।

अनुच्छेदलेखन में वाक्य की लंबाई

वाक्य की लंबाई बिल्कुल भी महत्त्वपूर्ण नहीं है। छात्रों के द्वारा केवल संक्षिप्त (short) वाक्य ही अपेक्षित है।

वैसे भी आप के एक वाक्य के लिए एक ही अंक निर्धारित है। फिर आप का वाक्य चाहे कितना भी लंबा हो, उसे केवल एक ही अंक मिलनेवाला है। लंबे वाक्यों में गलती होने की संभावना बढ जाती है। यदि एक भी गलती हुई तो आप का आधा अंक जा सकता है।

अनुच्छेदलेखन में कितने वाक्य लिखने चाहिए?

प्रायः पाँच अथवा छः वाक्य लिखने के लिए कहा जाता है। परन्तु यदि छात्र अधिक वाक्य लिखता है, तो इस में उसका कोई नुकसान नहीं है। अपितु फायदा ही होता है।

मान लीजिए कि अनुच्छेदलेखन में पाँच वाक्य लिखने के लिए कहे गए हैं और किसी छात्र ने सात वाक्य लिख दिए हैं।

इस स्थिति में यदि छात्र के पहले दो वाक्य गलत हैं और बाकी पांच सही हैं तो बाकी के पांच वाक्यों से छात्र को पूरे पांच अंक मिल जाते हैं।

यानी छात्र ने जितने भी वाक्य लिखे हो, उन में से जो पांच वाक्य सही हैं, उन को गिन कर छात्र को अंक दिए जाते हैं। इसीलिए हमारी सलाह है कि अधिक से अधिक वाक्य लिखने का प्रयत्न करें।

अनुच्छेदलेखन में ध्यान रखने योग्य बातें

यहाँ हम कुछ बिन्दुओं को रख रहे हैं जिन का आप को अनुच्छेदलेखन में ध्यान रखना है।

  • वाक्य सरल होना चाहिए।
  • संयुक्त वाक्य का प्रयोग न करें तो अच्छा होगा।
  • वाक्य कठिन नहीं होना चाहिए।
  • प्रचलित शब्दों का प्रयोग करें।

अनुच्छेदलेखन का उदाहरण

यहाँ हम आप को एक अनुच्छेदलेखन कर के दिखा रहे हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि आप इन ही वाक्यों को लिखे। आप अपने मन से भी अलग प्रकार के वाक्य लिख सकते हैं। हो सकता है कि हमारे भी कुछ वाक्यों में गलती हो।

प्रश्नः – CBSE ने २०२१-२२ इस सत्र के लिए जो नमूना प्रश्नपत्रिका प्रसिद्ध की है, उसी से हम ने यह प्रश्न लिया है।

From Sample Question Paper 2021-22 CBSE

उत्तरम् –

  1. शाक-आपणे पलाण्डुः, आलुकं, कारवेल्लं, मरीचिका, वृन्ताकं, वार्तिकी च इत्यादीनि विविधानि शाकानि भवन्ति।
  2. शाक-आपणेषु शाकवित्रेतारः उच्चैः ग्राहकान् आह्वयन्ति।
  3. शाक-आपणे जनसम्मर्दः भवति।
  4. ग्राहकाः धनपत्राणि यच्छन्ति, शाकानि च क्रीणन्ति।
  5. शाक-आपणेषु सर्वत्र अवकरः, अस्वच्छता, पङ्कयुक्ता भूमिः च भवन्ति।
  6. यत्रतत्र मक्षिकाः भवन्ति।
  7. केचन शाकवित्रेतारः महार्घं विक्रीणन्ति।
  8. शाक-आपणे तुला भवति।
  9. शाक-आपणे विक्रेतारः फलानि तुलया तोलयन्ति।

इन वाक्यों का अर्थ और इन वाक्यों को लिखने की सोच को समझने के लिए कृपया हमारा वीडिओ देखें। जिसकी लिंक इस लेख की शुरुआत में है।

Anuchchhed Lekhanam, Anuched Lekhana

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