पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति – संस्कृत पत्र में रिक्तस्थानों की पूर्ति कैसे करें? (CBSE Sanskrit)

CBSE के संस्कृत विषय की परीक्षा में छात्रों को पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति यह एक प्रश्न होता है। एक पत्र प्रश्नपत्र (question paper) में दिया जाता है। परन्तु वह पत्र पूरा नहीं होता है। उस पत्र में कुछ शब्द नहीं होते हैं। उसे ही रिक्तस्थान कहते हैं। और ऐसे रिक्तस्थानों को योग्य शब्द से पूरा करने के लिए कहा जाता है। इसी को रिक्तस्थानपूर्ति कहते हैं। लेकिन जिन शब्दों को रिक्तस्थानों में भरना होता हैं। जैसे कि आप इस चित्र में देख सकते हैं –

Patre Riktasthan Purti
Patre Riktasthan Purti

इस लेख में हम विस्तार से यह जानेंगे कि पत्र में रिक्तस्थान की पूर्ति कैसे करते हैं

पत्र की रचना

पत्र में रिक्तस्थानों की पूर्ति करने के लिए हमें सर्वप्रथम पत्र की रचना को समझना जरूरी है। पत्र की रचना को समझने से पत्र में कौना सा पद कहाँ हो सकता है इस बात का अनुमान कर सकते हैं। इस के लिए हमें कुल मिला कर इस आठ बिन्दुओं को ध्यान में रखना है –

  1. प्रेषकस्य सङ्केतः – पत्र भेजनेवाले का पता
  2. दिनाङ्कः – जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है वह तारीख
  3. संबोधनम् – पत्र पानेवाले के लिए संबोधन
  4. नमस्काराशीर्वचनम् – पानेवाले को नमस्कार अथवा आशीर्वाद
  5. पत्रस्य आशयः – पत्र का मुख्य प्रतिपाद्य विषय
  6. पुनः नमस्काराशीर्वचनम् – पुनः नमस्कार और आशीर्वाद
  7. स्वनिर्देशः – खुद (पत्र लिखनेवाले) का निर्देश
  8. प्रापकस्य सङ्केतः – पत्र पानेवाले का पता

यदि आप को पता चल गया कि ये बाते पत्र में कहाँ होते हैं , तो आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि पत्र के किस रिक्तस्थान में कौन सा शब्द हो सकता है। ये आठ पत्र में किस स्थान पर होते हैं उन को इस चित्र में दिखाया है। इस चित्र को देखिए –

पत्र में क्या कहाँ होता है...
पत्र में क्या कहाँ होता है…

इन आठ बिन्दुओं को ध्यान में रखिए। इस विषय को और अच्छे से समझाने के लिए हम ने दो वीडिओ बनाए हैं। आप उन को देख कर पत्र में बहुत अच्छे से रिक्तस्थानपूर्ति कर सकते हैं।

पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति का वीडिओ – १

Patre Rikta Sthan Purti Video – 1

इस वीडिओ में पत्रलेखन के जो बाहरी बिन्दु होते हैं उन पर विचार किया है। पत्र लिखनेवाले का पता कहाँ होता है यह जान कर मंजूषा से पत्र लिखनेवाले के पते से संबंधित शब्द ठीक पत्र लिखनेवाले के पते में मौजूद रिक्तस्थान में ही भरनी चाहिए इत्यादि बाते इस पहले वीडिओ में है। यानी पत्रलेखन के केवल बाहरी बिन्दु इस वीडिओ में हैं।

इस वीडिओ में पत्रस्य आशयः इस बिंदु पर विचार नहीं किया है। क्योंकि पत्रस्य आशयः यह एक स्वतन्त्र विचार का विषय है और वह बहुत बड़ा भी है। इसीलिए पत्रस्य आशयः इस बिंदु को समझाने के लिए हमने एक दूसरा स्वतन्त्र वीडिओ बनाया है।

पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति का वीडिओ – २

Patre Rikta Sthan Purti Video – 2

इस वीडिओ में पत्रलेखन के मुख्य अंदरूनी विषय पर चर्चा है। पत्र का जो मुख्य आशय होता है वहा किस प्रकार के शब्द होते हैं और किस स्थान पर कौनसा शब्द हो सकता है इस बात पर विचार किया है।

पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति में ध्यान रखने योग्य बातें

पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति में ध्यान रखने योग्य बातें बता रहे हैं उनकी मदद से पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति इस प्रश्न में आप अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं।

मञ्जूषा का प्रयोग

हम नें चित्रवर्णन तथा अनुच्छेदलेखन के लेख तथा वीडिओ में देखा था कि वहाँ मञ्जूषा का प्रयोग करना अपने मन पर निर्भर था। हम मंजूषा के बाहर से भी पदों का प्रयोग कर सकते थे, उनकी विभक्ति बदल सकते थे अथवा मंजूषा में दिए शब्दों का प्रयोग न करने का भी स्वातन्त्र्य हमाने पास था।

परन्तु पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति इस प्रश्न में ऐसी बात नहीं है।

पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति इस प्रश्न में मंजूषा में जो शब्द दिए हैं उनका ही प्रयोग करना पड़ता है। मंजूषा से बाहरी पद का प्रयोग नहीं कर सकते। यानी अपने मन से पत्रों में मौजूद रिक्तस्थान नही भर सकते हैं। साथ ही साथ हम मंजूषा में प्रदत्त पदों की विभक्ति बदल नहीं सकते हैं। तथैव अन्य समानार्थी पदों को भी नहीं लिख सकते है। और तो और जितने पद मंजूषा में हैं उन सभी का प्रयोग करना ही होता है। यानी जितने रिक्तस्थान होते हैं उतने ही पद मंजूषा में होते हैं।

अर्थात् मंजूषा में दिए सभी पदों का प्रयोग करना है, मंजूषा से ही पदों का चयन करना है और मंजूषा में दिेए जितने भी पद हैं वे जैसे हैं वैसे ही पत्र में लिखने हैं। यानी उन में बदलाव नहीं करना है।

पत्र पूरा लिखना होता है

बहुत सारे छात्र अपनी उत्तरपत्रिका (answer sheet) में केवल रिक्तस्थान ही लिखते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। पहले पूरा पत्र लिखिए और बाद में उस में मौजूद सभी रिक्तस्थानों पर सही पद मंजूषा से चुनकर लिखिए।

रिक्तस्थानों को अंक तथा अधोरेखा होनी चाहिए

हालाँकि यह कुछ बताने की बात तो नहीं है। तथापि हमारा अनुभव रहा है कि बहुत सारे छात्र पत्र लिखते हैं और उनमें जो रिक्तस्थान होते हैं उनको भी सही से भर देते हैं। परन्तु उनको अंक नहीं देते और उनके नीचे अधोरेखा (underline) भी नहीं खींचते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए।

पत्र में जहाँ जहाँ रिक्तस्थान था वहाँ उस रिक्तस्थान का अंक भी होगा। उस अंक को भी लिखिए और उस के नीचे अधोरेखा भी होनी चाहिए। ताकि जो परीक्षक आप के उत्तरपत्रिका का परीक्षण करे उनको आसानी हो।

उपसंहार

इस प्रकार से हमने इस लेख तथा दोनों वीडिओ के माध्यम से पत्रे रिक्तस्थानपूर्ति इस विषय को समझाने का प्रयत्न किया है। यदि आप को कोई शंका, समस्या अथवा प्रश्न हो तो आप नीचे टिप्पणी (कमेंट) में बता सकते हैं।

धन्यवाद।

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