
क्रियाओं के दो प्रकार होते हैं –
- सकर्मक
- अकर्मक
कर्तृवाच्य / कर्तरि प्रयोग तो सकर्मक और अकर्मक इन दोनों क्रियाओं के साथ होता है। जैसे कि –
- सकर्मक – बालक रोटी खाता है।
- बालकः रोटिकां खादति।
- बालकः रोटिकां खादति।
- अकर्मक – बालक हँसता है।
- बालकः हसति।
- बालकः हसति।
अकर्मक वाक्यों का वाच्यपरिवर्तन कैसे कहते हैं?
अकर्मक वाक्यों से कर्तृवाच्य और भाववाच्य ही हो सकता है। अकर्मक वाक्यों से कर्मवाच्य बिल्कुल नहीं होता है।
सूत्र – (कर्ता + ३) (धातु + य + ते)
भाववाच्य / भावे प्रयोग के उदाहरण
बालकः हसति। बालक हसता है।
- बालकेन हस्यते। बालक के द्वारा हसा जाता है।
बालकाः हसन्ति। बालक हसते हैं।
- बालकैः हस्यते। बालकों के द्वारा हसा जाता है।
शिष्यः सेवते।
- शिष्येण सेव्यते।
शिशुः रोदिति।
- शिशुना रुद्यते।
छात्राः पठन्ति।
- छात्रैः पठ्यते।
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