षष्ठी विभक्ति – संस्कृत

षष्ठी विभक्ति का अर्थ

संस्कृत भाषा में संबंध (relation) को दर्शाने के लिए षष्ठी विभक्ति का प्रयोग होता है। अर्थात् हिन्दी भाषा जो अर्थ का / के / की इन शब्दों से प्राप्त होता है, अंग्रेजी में जो अर्थ of, ‘s, s’ इन से प्राप्त होता है, वही अर्थ संस्कृत भाषा में प्राप्त करने के लिए षष्ठी विभक्ति का प्रयोग होता है। षष्ठी विभक्ति संबंध दिखाती है। यानी कौन किसका है? इस का पता षष्ठी विभक्ति से लगता है।

जैसे कि –

भाषा षष्ठी का उदाहरण
हिन्दीराम का / राम के / राम की
अंग्रेजीRam‘s / of Ram
संस्कृतरामस्य

षष्ठी विभक्ति के संस्कृत प्रत्यय

हिन्दी भाषा में का, के, की और रा, रे, री इन को लगाने मात्र से षष्ठी विभक्ति का अर्थ प्राप्त हो जाता है। जैसे की –

  • राम का पुत्र। राम के भक्त। राम की पत्नी।
  • मेरा घर। मेरे पिता। मेरी माँ।

परन्तु संस्कृत में इतने से काम नहीं चलता है। संस्कृत भाषा में प्रत्येक शब्द के रूप अलग-अलग हो सकते हैं। वैसे तो संस्कृत भाषा में अनेक प्रकार के शब्द होते हैं। तथापि उनमें से कुछ शब्दों के रूपों का अभ्यास करने मात्र से षष्ठी विभक्ति का पर्याप्त अध्ययन हो जाता है। जैसे कि – देव (अकारान्त पुँ॰), लता (आकारान्त स्त्री॰), मुनि (इकारान्त पुँ॰) नदी (ईकारान्त स्त्री॰) इत्यादि।

प्रकारशब्द
अकारान्तदेवदेवस्यदेवयोःदेवानाम्
देव का(दो) देवों का(सभी) देवों का
आकारान्तलतालतायाःलतयोःलतानाम्
लता का(दो) लताओं का(सभी) लताओं का
इकारान्तमुनिमुनेःमुन्योःमुनीनाम्
मुनि का(दो) मुनियों का(सभी) मुनियों का
ईकारान्तनदीनद्याःनद्योःनदीनाम्
नदी का(दो) नदियों का(सभी) नदियों का
षष्ठी विभक्ति संस्कृत रूप

हम षष्ठी विभक्ति का अध्ययन करने के लिए केवल इन शब्दों के रूपों का ही अभ्यास करेंगे।

षष्ठी विभक्ति संस्कृत उदाहरण

अकारान्त शब्दों की षष्ठी विभक्ति के उदाहरण

इस उदाहरण के माध्यम से सभी अकारान्त (पुँल्लिंग और नपुंसकलिंग) शब्दों के षष्ठी विभक्ति के रूपों का अध्ययन हो जाएगा। नपुंसकलिंग के बारे में तो आप जानते ही है कि तृतीया से सभी रूप पुँल्लिंग जैसे ही होते हैं। अतः नपुंसकरूपों का अध्ययन भी यहाँ से ही होगा।

कुछ वाक्यों की मदद से हम यहाँ षष्ठी विभक्ति संस्कृत को समझने का प्रयत्न करेंगे।

देव शब्द

  • यह देव का महल है।
    • एषः देवस्य प्रासादः।
  • यह दोनों देवों का महल है।
    • एषः देवयोः प्रासादः।
  • यह सभी देवों का महल है।
    • एषः देवानां प्रासादः।

बालक शब्द

  • यह बालक की पाठशाला है।
    • एषा बालकस्य पाठशाला अस्ति।
  • यह दो बालकों की पाठशाला है।
    • एषा बालकयोः पाठशाला अस्ति।
  • यह सभी बालकों की पाठशाला है।
    • एषा बालकानां पाठशाला अस्ति।

और भी षष्ठी विभक्ति (संस्कृत) के उदाहरण

  • राम दशरथ का पुत्र है।
    • रामः दशरथस्य पुत्रः।
  • कृष्ण वसुदेव का पुत्र है।
    • कृष्णः वसुदेवस्य पुत्रः।
  • गणेश शङ्कर का पुत्र है।
    • गणेशः शङ्करस्य पुत्रः।
  • यह दो बालकों का घर है।
    • एतत् बालकयोः गृहम् अस्ति।
  • रमेश दो शिक्षकों का छात्र है।
    • रमेशः शिक्षकयोः छात्रः अस्ति।
  • इन्द्र देवों का राजा है।
    • इन्द्रः देवानां राजा।
  • सुग्रीव वानरों का राजा है।
    • सुग्रीवः वानराणां राजा।
  • रावण राक्षसों का राजा है।
    • रावणः राक्षसानां राजा।
  • पण्डु पाण्डवों के पिता हैं।
    • पण्डुः पाण्डवानां पिता।
  • शिक्षक
    षष्ठीरूपाणि – शिक्षकस्य शिक्षकयोः शिक्षकाणाम्
    • रमेश शिक्षक का छात्र है।
      रमेशः शिक्षकस्य छात्रः।
    • रमेश दो शिक्षकों का छात्र है।
      रमेशः शिक्षकयोः छात्रः।
    • रमेश बहुत सारे शिक्षकों का छात्र है।
      रमेशः शिक्षकाणां छात्रः।
  • बालक
    षष्ठीरूपाणि – बालकस्य बालकयोः बालकानाम्
    • यह बालक का विद्यालय है।
      एषः बालकस्य विद्यालयः।
    • यह दोनों बालकों का विद्यालय है।
      एषः बालकयोः विद्यालयः।
    • यह सभी बालकों का विद्यालय है।
      एषः बालकानां विद्यालयः।
  • पर्वत
    षष्ठीरूपाणि – पर्वतस्य पर्वतयोः पर्वतानाम्
    • पर्वत का नाम हिमालय है।
      पर्वतस्य नाम हिमालयः।
    • दो पर्वतों के बीच नदी है।
      पर्वतयोः मध्ये नदी अस्ति।
    • हिमालय पर्वतों का राजा है।
      हिमालयः पर्वतानां राजा।
  • राक्षस
    षष्ठीरूपाणि – राक्षसः राक्षसयोः राक्षसानाम्
    • वह राक्षस का जंगल है।
      तत् राक्षसस्य वनम् अस्ति।
    • दो राक्षसों का युद्ध चल रहा है।
      राक्षसयोः युद्धं चलति।
    • रावण राक्षसों का राजा है।
      रावणः राक्षसानां राजा।
  • छात्र
    षष्ठीरूपाणि – छात्रस्य छात्रयोः छात्राणाम्
    • मैं छात्र का पुस्तक देखता हूँ।
      अहं छात्रस्य पुस्तकं पश्यामि।
    • मैं छात्रों का झगड़ा शांत करता हूँ।
      अहं छात्रयोः कलहं शान्तं करोमि।
    • मैं छात्रों का कोलाहल शान्त करता हूँ।
      अहं छात्राणां कोलाहलं शान्तं करोमि।

आकारान्त शब्दों की षष्ठी विभक्ति के उदाहरण

इस भाग में हम कुछ उदाहरणों के द्वारा लता, माला, रमा, सीता आदि आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के षष्ठी विभक्ति रूपों का अभ्यास कर रहे हैं।

  • राम सीता का पति है। – रामः सीतायाः पतिः।
  • सीता राम की पत्नी है। – सीता रामस्य पत्नी।
  • शंकर उमा के पति हैं। – शङ्करः उमायाः पतिः।
  • उमा शंकर की पत्नी है। – उमा शङ्करस्य पत्नी।
  • नंद यशोदा के पति हैं। – नन्दः यशोदायाः पतिः।
  • यशोदा नन्द की पत्नी है। – यशोदा नन्दस्य पत्नी।
  • राम कौशल्या का पुत्र है। – रामः कौशल्यायाः पुत्रः।
  • कौशल्या राम की माता है। – कौशल्या रामस्य माता।
  • कृष्ण यशोदा का पुत्र है। – कृष्णः यशोदायाः पुत्रः।

षष्ठी विभक्ति – आकारान्त स्त्रीलिंग का विस्तार से अभ्यास

बालिका (बालिकायाः – बालिकयोः – बालिकानाम्)

  • यह बालिका का विद्यालय है। – एषः बालिकायाः विद्यालयः अस्ति।
  • यह दोनों बालिकाओं का विद्यालय है। – एषः बालिकयोः विद्यालयः अस्ति।
  • यह सभी बालिकाओं का विद्यालय है। – एषः बालिकानां विद्यालयः अस्ति।

छात्रा (छात्रायाः – छात्रयोः – छात्राणाम्)

  • यह छात्रा का स्थान है। – एतत् छात्रायाः स्थानम् अस्ति।
  • यह दो छात्राओं का स्थान है। – एतत् छात्रयोः स्थानम् अस्ति।
  • यह सभी छात्राओं का स्थान है। – एतत् छात्राणां स्थानम् अस्ति।

महिला (महिलायाः – महिलयोः – महिलानाम्)

  • यह महिला का कक्ष है। – एषः महिलायाः कक्षः।
  • यह दो महिलाओं का कक्ष है। – एषः महिलयोः कक्षः।
  • यह बहुत सारी महिलाओं का कक्ष है। – एषः महिलानां कक्षः।

इकारान्त शब्दों की षष्ठी विभक्ति के उदाहरण

इकारान्त (मुनि) शब्द पुँल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग में होते हैं। संस्कृत भाषा में इनमें से स्त्रीलिंग में षष्ठी विभक्ति के रूप विकल्प से ईकारान्त (नदी) शब्द के समान रूप बना सकते हैं।

मुनि – मुनेः मुन्योः मुनीनाम्

  • एषः मुनेः आश्रमः अस्ति।
    यह मुनि का आश्रम है।
  • एषः मुन्योः आश्रमः अस्ति।
    यह दो मुनियों का आश्रम है।
  • एषः मुनीनाम् आश्रमः अस्ति।
    यह बहुत सारे मुनियों का आश्रम है।

हरि – हरेः हर्योः हरीणाम्

  • एषः हरेः गृहम् अस्ति।
    यह हरि का घर है।
  • एषः हर्योः गृहम् अस्ति।
    यह दो हरियों का घर है।
  • एषः हरीनाम् गृहम् अस्ति।
    यह बहुत सारे हरियों का घर है।

मति – मतेः/मत्याः मत्योः मतीनाम्

मति यह एक इकारान्त स्त्रीलिंग शब्द है। इसके षष्ठी एकवचन में विकल्प से ईकारान्त (नदी) शब्द के समान रूप हो सकता है। ऐसे ही बुद्धि, शक्ति, गति, व्यक्ति इत्यादि इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के बारे में भी होता है।

  • मति का सामर्थ्य।
    मतेः सामर्थ्यम्।
    मत्याः सामर्थ्यम्।
  • (दो) मतियों का सामर्थ्य।
    मत्योः सामर्थ्यम्।
  • (बहुत सारी) मतियों का सामर्थ्य।
    मतीनां सामर्थ्यम्।
  • वह मनुष्य शक्ति का उपासक है।
    सः मनुष्यः शक्तेः उपासकः अस्ति।
    सः मनुष्यः शक्त्याः उपासकः अस्ति।
  • वह मनुष्य (दो) शक्तियों का उपासक है।
    सः मनुष्यः शक्त्योः उपासकः अस्ति।
  • वह मनुष्य (बहुत सारी) शक्तियों का उपासक है।
    सः मनुष्यः शक्तीनाम् उपासकः अस्ति।

ईकारान्त शब्दों की षष्ठी विभक्ति के उदाहरण

नदी – नद्याः नद्योः नदीनाम्

  • नदी का पानी समुद्र को जाता है।
    नद्याः जलं समुद्रं गच्छति।
  • (दोनों) नदियों का पानी समुद्र को जाता है।
    नद्योः जलं समुद्रं गच्छति।
  • (सभी) नदियों का पानी समुद्र को जाता है।
    नदीनां जलं समुद्रं गच्छति।

देवी – देव्याः देव्योः देवीनाम्

  • वह मनुष्य देवी का उपासक है।
    सः मनुष्यः देव्याः उपासकः अस्ति।
  • वह मनुष्य (दो) देवियों का उपासक है।
    सः मनुष्यः देव्योः उपासकः अस्ति।
  • वह मनुष्य (बहुत सारी) देवियों का उपासक है।
    सः मनुष्यः देवीनाम् उपासकः अस्ति।

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