पुष्प शब्द रूप। संस्कृत शब्दरूपाणि

पुष्प यह एक अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द है।

अकारान्त शब्द किसे कहते हैं?

जिन शब्दों के अन्त में – यह ध्वनि सुनाई देती है वे शब्द अकारान्त शब्द होते हैं। जैसे कि पुष्प, पुस्तक, वन, पत्र, पर्ण, मित्र, नेत्र, ज्ञान, पुष्प इत्यादि। इन शब्दों के अन्त में यह स्वर है।

अकारान्त शब्दों में पुँल्लिंग तथा नपुंसकलिंग – अर्थात् दोनों लिंग के शब्द पाए जाते हैं। अकारान्त शब्द स्त्रीलिंग में नहीं होते हैं।

इस लेख में हम अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों में से उदाहरण के लिए पुष्प शब्द के रूप दे रहे हैं। इसीप्रकार से अन्य अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के भी रूप आप आसानी से बना सकते हैं।

पुष्प शब्द के रूप। अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द

एक॰द्वि॰बहु॰
प्रथमापुष्पम्पुष्पेपुष्पाणि
द्वितीयापुष्पम्पुष्पेपुष्पाणि
तृतीयापुष्पेणपुष्पाभ्याम्फलैः
चतुर्थीपुष्पायपुष्पाभ्याम्पुष्पेभ्यः
पञ्चमीपुष्पात्पुष्पाभ्याम्पुष्पेभ्यः
षष्ठीपुष्पस्यपुष्पयोःपुष्पाणाम्
सप्तमीपुष्पेपुष्पयोःपुष्पेषु
सम्बोधनम्पुष्पपुष्पेपुष्पाणि
पुष्प शब्द रूप। संस्कृत

इस शब्द में णत्वविधान लागू होता है। ऐसे शब्दों के रूपों का अभ्यास करने के लिए इस कड़ी – शब्दरूपों में णत्व पर क्लिक कीजिए। णत्वविधान के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए

अकारान्त नपुंसकलिंग पुष्प शब्द के रूपों का वाक्यों में प्रयोग

पुष्प शब्दरूप अकारान्त नपुंसकलिंग
पुष्प – अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दरूप

प्रथमा

  1. पुष्पं वृक्षात् पतति।
    पुष्प पेड़ से गिरता है।
  2. पुष्पे वृक्षात् पततः।
    दो पुष्प पेड़ से गिरते हैं।
  3. पुष्पाणि वृक्षात् पतन्ति।
    बहुत सारे पुष्प पेड़ से गिरते हैं।

द्वितीया

  1. बालकः पुस्तकं खादति।
    बालक पुष्प को खाता है।
  2. बालकः पुष्पे खादति।
    बालक (दो) पुष्पों को खाता है।
  3. बालकः पुष्पाणि खादति।
    बालक पुष्पों को खाता है।

तृतीया

  1. पुष्पेण वृक्षः शोभते।
    पुष्प के द्वारा वृक्ष सुशोभित होता है।
  2. पुष्पभ्यां वृक्षः शोभते।
    (दो) पुष्पों के द्वारा वृक्ष सुशोभित होता है।
  3. फलैः वृक्षः शोभते।
    पुष्पों के द्वारा वृक्ष सुशोभित होता है।

चतुर्थी

  1. बालकः पुष्पाय कोलाहलं करोति।
    बालक पुष्प के लिए झगड़ा करता है।
  2. बालकः पुष्पभ्यां कोलाहलं करोति।
    बालक दो पुष्पों के लिए झगड़ा करता है।
  3. बालकः पुष्पेभ्यः कोलाहलं करोति।
    बालक बहुत सारे पुष्पों के लिए झगड़ा करता है।

पञ्चमी

  1. बालकः पुष्पात् ऊर्जां प्राप्नोति।
    बालक पुष्प से ऊर्जा प्राप्त करता है।
  2. बालकः पुष्पाभ्यां ऊर्जां प्राप्नोति।
    बालक दो पुष्पों से ऊर्जा प्राप्त करता है।
  3. बालकः पुष्पेभ्यः ऊर्जां प्राप्नोति।
    बालक बहुत सारे पुष्पों से ऊर्जा प्राप्त करता है।

षष्ठी

  1. एतस्य पुष्पस्य वर्णः रक्तः अस्ति।
    इस पुष्प का रंग लाल है।
  2. एतयोः पुष्पयोः वर्णः रक्तः अस्ति।
    इन दोनों पुष्पों का रंग लाल है।
  3. एतेषां पुष्पाणां वर्णः रक्तः अस्ति।
    इन सभी पुष्पों का रंग लाल है।

सप्तमी

  1. पुष्पे कीटकाः सन्ति।
    पुष्प में कीड़े हैं।
  2. पुष्पयोः कीटकाः सन्ति।
    दोनों पुष्पों में कीड़े हैं।
  3. पुष्पेषु कीटकाः सन्ति।
    सभी पुष्पों में पाठ हैं।

संबोधनम्

  1. हे पुष्प! अधः पत।
    हे पुष्प! नीचे गिर।
  2. हे पुष्पे! अधः पततम्।
    हे दोनों पुष्पों! नीचे गिर जाओ।
  3. हे पुष्पाणि! अधः पतत।
    हे पुष्पों! नीचो गिर जाओ।

उहसंहार

इस प्रकार से हमने पुष्प के माध्यम से अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के रूपों को समझाने की चेष्टा की है। पुष्प को आधार मानकर आप पुष्प, पुस्तक, वन, पत्र, पर्ण, मित्र, नेत्र, ज्ञान, पुष्प इ॰ शब्दों का संस्कृत वाक्यों में प्रयोग कीजिए और नवनवीन वाक्य बनाईए।

Fala shabd roop, Fal shabda roopanin, Sanskrit shabda roop

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