छात्र यह एक अकारान्त पुँल्लिंग शब्द है।
अकारान्त शब्द किसे कहते हैं?
जिन शब्दों के अन्त में – अ यह ध्वनि सुनाई देती है वे शब्द अकारान्त शब्द होते हैं। जैसे कि देव, राम, श्याम, छात्र, कृष्ण इत्यादि। इन शब्दों के अन्त में अ यह स्वह है।
अकारान्त शब्दों में पुँल्लिंग तथा नपुंसकलिंग – अर्थात् दोनों लिंग के शब्द पाए जाते हैं। स्त्रीलिंग शब्द अकारान्त नहीं होते हैं।
इस लेख में हम अकारान्त पुँल्लिङ्ग शब्दों में से उदाहरण के लिए छात्र शब्द के रूप दे रहे हैं। इसीप्रकार से अन्य अकारान्त पुँल्लिंग शब्दों के भी रूप आप आसानी से बना सकते हैं।
छात्र शब्द के रूप। अकारान्त पुँल्लिंग शब्द
एक॰ | द्वि॰ | बहु॰ | |
---|---|---|---|
प्रथमा | छात्रः | छात्रौ | छात्राः |
द्वितीया | छात्रम् | छात्रौ | छात्रान् |
तृतीया | छात्रेण | छात्राभ्याम् | छात्रैः |
चतुर्थी | छात्राय | छात्राभ्याम् | छात्रेभ्यः |
पञ्चमी | छात्रात् | छात्राभ्याम् | छात्रेभ्यः |
षष्ठी | छात्रस्य | छात्रयोः | छात्राणाम् |
सप्तमी | छात्रे | छात्रयोः | छात्रेषु |
सम्बोधनम् | छात्र | छात्रौ | छात्राः |
इस शब्द में णत्वविधान लागू होता है। इसीलिए तृतीया एकवचन – छात्रेण तथा षष्ठी बहुवचन – छात्राणाम् ऐसा है। लेकिन जिन शब्दों में णत्व लागू नहीं होता है, उनके रूपों के लिए – सामान्य शब्द रूप इस कड़ी पर क्लिक करें।
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छात्र शब्दरूपों का उच्चारण
छात्र शब्दरूपों का योग्य उच्चारण आप इस वीडिओ के माध्यम से समझ सकते हैं।
अकारान्त पुँल्लिंग शब्द छात्र के रूपों का वाक्यों में प्रयोग
प्रथमा
- छात्रः अभ्यासं करोति।
छात्र अभ्यास करता है। - छात्रौ अभ्यासं कुरुतः।
दो छात्रौ अभ्यास करते हैं। - छात्राः अभ्यासं कुर्वन्ति।
बहुत सारे छात्र अभ्यास करते हैं।
द्वितीया
- शिक्षकः छात्रं पाठयति।
शिक्षक छात्र को पढ़ाता है। - शिक्षकः छात्रौ पाठयति।
शिक्षक (दो) छात्रों को पढ़ाता है। - शिक्षकः छात्रान् पाठयति।
शिक्षक छात्रों को प्रणाम कता है।
तृतीया
- छात्रेण अभ्यासः क्रियते।
छात्र के द्वारा अभ्यास किया जाता है। - छात्रभ्यां अभ्यासः क्रियते।
(दो) छात्रों के द्वारा अभ्यास किया जाता है। - बालकैः अभ्यासः क्रियते।
छात्रों के द्वारा अभ्यास किया जाता है।
चतुर्थी
- शिक्षकः छात्राय ज्ञानं ददाति।
शिक्षक छात्र को ज्ञान देता है। - शिक्षकः छात्रभ्यां ज्ञानं ददाति।
शिक्षक दो छात्रों को ज्ञान देता है। - शिक्षकः छात्रेभ्यः ज्ञानं ददाति।
शिक्षक बहुत सारे छात्रों को ज्ञान देता है।
पञ्चमी
- शिक्षकः छात्रात् पुस्तकं गृह्णाति।
शिक्षक छात्र से पुस्तक लेता है। - शिक्षकः छात्राभ्यां पुस्तकं गृह्णाति।
शिक्षक दो छात्रों से पुस्तक लेता है। - शिक्षकः छात्रेभ्यः पुस्तकं गृह्णाति।
शिक्षक बहुत सारे छात्रों से पुस्तक लेता है।
षष्ठी
- एतत् छात्रस्य गृहम् अस्ति।
यह छात्र का घर है। - एतत् छात्रयोः गृहम् अस्ति।
यह दो छात्रों का घर है। - एतत् छात्राणां गृहम् अस्ति।
यह बहुत सारे छात्रों का घर है।
सप्तमी
- शिक्षकः छात्रे विश्वसिति।
शिक्षक छात्र पर विश्वास करता है। - शिक्षकः छात्रयोः विश्वसिति।
शिक्षक दोनों छात्रों पर विश्वास करता है। - शिक्षकः छात्रेषु विश्वसिति।
शिक्षक सभी छात्रों पर विश्वास करता है।
सम्बोधनम्
- रे छात्र! अभ्यासं कुरु।
रे छात्र! अभ्यास कर। - रे छात्रौ! अभ्यासं कुरुतम्।
रे दोनों छात्रों! अभ्यास करो। - रे छात्राः! अभ्यासं कुरुत।
रे छात्रों! अभ्यास करो।
उपसंहार
इस प्रकार से हमने छात्र के माध्यम से अकारान्त पुँल्लिंग शब्दों के रूपों को समझाने की चेष्टा की है। छात्र को आधार मानकर आप राम, नर इ॰ शब्दों का संस्कृत वाक्यों में प्रयोग कीजिए और नवनवीन वाक्य बनाईए।
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