राम शब्द रूप। अकारान्त पुँल्लिंग। संस्कृत वाक्य प्रयोग

राम शब्द रूप – संस्कृत

राम यह एक अकारान्त पुँल्लिंग शब्द है। और इस शब्द में णत्वविधान लागू होता है।

अकारान्त शब्द किसे कहते हैं?

जिन शब्दों के अन्त में – यह ध्वनि सुनाई देती है वे शब्द अकारान्त शब्द होते हैं। जैसे कि – छात्र, राम, श्याम, राम, कृष्ण इत्यादि। इन शब्दों के अन्त में अ यह स्वह है।

अकारान्त शब्दों में पुँल्लिंग तथा नपुंसकलिंग – अर्थात् दोनों लिंग के शब्द पाए जाते हैं। स्त्रीलिंग शब्द अकारान्त नहीं होते हैं।

इस लेख में हम अकारान्त पुँल्लिङ्ग शब्दों में से उदाहरण के लिए राम शब्द के रूप दे रहे हैं। इसीप्रकार से अन्य अकारान्त पुँल्लिंग शब्दों के भी रूप आप आसानी से बना सकते हैं।

राम शब्द के रूप। अकारान्त पुँल्लिंग शब्द

एक॰द्वि॰बहु॰
प्रथमारामःरामौरामाः
द्वितीयारामम्रामौरामान्
तृतीयारामेणरामाभ्याम्रामैः
चतुर्थीरामायरामाभ्याम्रामेभ्यः
पञ्चमीरामात्रामाभ्याम्रामेभ्यः
षष्ठीरामस्यरामयोःरामाणाम्
सप्तमीरामेरामयोःरामेषु
सम्बोधनम्रामरामौरामाः
राम शब्द रूप। संस्कृत

राम शब्द रूप का वीडिओ

शब्द रूपों को कण्ठस्थ करने के लिए उनको बार बार रटना पड़ता है। और साथ में सही उच्चारण भी होना चाहिए।

नीचे एक वीडिओ दिया है, उसे सुनकर रटनाभ्यास करें।

अकारान्त पुँल्लिंग राम शब्द रूप। योग्य उच्चारण

इस शब्द में णत्वविधान लागू होता है। इसीलिए तृतीया एकवचन – रामेण तथा षष्ठी बहुवचन – रामाणाम् ऐसा है। लेकिन जिन शब्दों में णत्व लागू नहीं होता है, उनके रूपों के लिए – सामान्य शब्द रूप इस कड़ी पर क्लिक करें।

णत्वविधान के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक कीजिए।

अकारान्त पुँल्लिंग शब्द राम के रूपों का वाक्यों में प्रयोग

प्रथमा

  1. रामः अभ्यासं करोति।
    राम अभ्यास करता है।
  2. रामौ अभ्यासं कुरुतः।
    दो राम अभ्यास करते हैं।
  3. रामाः अभ्यासं कुर्वन्ति।
    बहुत सारे राम अभ्यास करते हैं।

द्वितीया

  1. शिक्षकः रामं पाठयति।
    शिक्षक राम को पढ़ाता है।
  2. शिक्षकः रामौ पाठयति।
    शिक्षक (दो) रामों को पढ़ाता है।
  3. शिक्षकः रामान् पाठयति।
    शिक्षक रामों को प्रणाम कता है।

तृतीया

  1. रामेण अभ्यासः क्रियते।
    राम के द्वारा अभ्यास किया जाता है।
  2. रामभ्यां अभ्यासः क्रियते।
    (दो) रामों के द्वारा अभ्यास किया जाता है।
  3. रामैः अभ्यासः क्रियते।
    सभी रामों के द्वारा अभ्यास किया जाता है।

चतुर्थी

  1. शिक्षकः रामाय ज्ञानं ददाति।
    शिक्षक राम को ज्ञान देता है।
  2. शिक्षकः रामभ्यां ज्ञानं ददाति।
    शिक्षक दो रामों को ज्ञान देता है।
  3. शिक्षकः रामेभ्यः ज्ञानं ददाति।
    शिक्षक बहुत सारे रामों को ज्ञान देता है।

पञ्चमी

  1. शिक्षकः रामात् पुस्तकं गृह्णाति।
    शिक्षक राम से पुस्तक लेता है।
  2. शिक्षकः रामाभ्यां पुस्तकं गृह्णाति।
    शिक्षक दो रामों से पुस्तक लेता है।
  3. शिक्षकः रामेभ्यः पुस्तकं गृह्णाति।
    शिक्षक बहुत सारे रामों से पुस्तक लेता है।

षष्ठी

  1. एतत् रामस्य गृहम् अस्ति।
    यह राम का घर है।
  2. एतत् रामयोः गृहम् अस्ति।
    यह दो रामों का घर है।
  3. एतत् रामाणां गृहम् अस्ति।
    यह बहुत सारे रामों का घर है।

सप्तमी

  1. शिक्षकः रामे विश्वसिति।
    शिक्षक राम पर विश्वास करता है।
  2. शिक्षकः रामयोः विश्वसिति।
    शिक्षक दोनों रामों पर विश्वास करता है।
  3. शिक्षकः रामेषु विश्वसिति।
    शिक्षक सभी रामों पर विश्वास करता है।

संबोधनम्

  1. रे राम! अभ्यासं कुरु।
    रे राम! अभ्यास कर।
  2. रे रामौ! अभ्यासं कुरुतम्।
    रे दोनों रामों! अभ्यास करो।
  3. रे रामाः! अभ्यासं कुरुत।
    रे रामों! अभ्यास करो।

उहसंहार

इस प्रकार से हमने राम के माध्यम से अकारान्त पुँल्लिंग शब्दों के रूपों को समझाने की चेष्टा की है। राम को आधार मानकर आप छात्र, नर इ॰ शब्दों का संस्कृत वाक्यों में प्रयोग कीजिए और नवनवीन वाक्य बनाईए।

3 thoughts on “राम शब्द रूप। अकारान्त पुँल्लिंग। संस्कृत वाक्य प्रयोग”

Leave a Comment