मनस् शब्द एक सकारान्त शब्द है। यह एक नपुंसकलिंग का शब्द है।
सकारान्त किसे कहते हैं? What is Sakārānta
जिस शब्द के अन्त में स् यह ध्वनि होती है वह सकारान्त शब्द होता है।
अन्य सकारान्त शब्द
अन्य भी सकारान्त शब्द हैं। उनके भी रूप मनस् शब्द के समान चलते हैं। जैसे कि – तेजस्, चेतस्, तपस्, रजस्, तमस्, वचस्, पयस्, वचस्, नभस्, अम्भस् इत्यादि। ये सभी नपुंसकलिंग के शब्द हैं।
मनस् शब्द के सभी विभक्तियों में और तीनों वचनों में रूप
मनस् शब्द की तालिका Table of Manas Shabda Roop
विभक्ति | एक॰ | द्वि॰ | बहु॰ |
प्रथमा | मनः | मनसी | मनांसि |
द्वितीया | मनः | मनसी | मनांसि |
तृतीया | मनसा | मनोभ्याम् | मनोभिः |
चतुर्थी | मनसे | मनोभ्याम् | मनोभ्यः |
पञ्चमी | मनसः | मनोभ्याम् | मनोभ्यः |
षष्ठी | मनसः | मनसोः | मनसाम् |
सप्तमी | मनसि | मनसोः | मनस्सु/मनःसु |
सम्बोधन | मनः | मनसी | मनांसि |
मनस् शब्द के रूपों का वाक्य में प्रयोग Use of Manas Shabda Roop in Sentences
प्रथमा विभक्ति
- मन चंचल होता है।
मनः चञ्चलं भवति।
द्वितीया विभक्ति
- योगी मन को नियन्त्रित करता है।
योगी मनः नियन्त्रयति।
तृतीया विभक्ति
- भक्त मन से ईश्वर का ध्यान करता है।
भक्तः मनसा ईश्वरस्य ध्यानं करोति।
चतुर्थी विभक्ति
- भजन से मन को शान्ति प्राप्त होती है।
भजनेन मनसे शान्तिः प्राप्यते।
पञ्चमी विभक्ति
- मनुष्यः मन से संकल्प और विकल्प प्राप्त करता है।
मनुष्यः मनसः संकल्पविकल्पौ प्राप्नोति।
षष्ठी विभक्ति
- मन की इच्छा।
मनसः इच्छा।
सप्तमी विभक्ति
- मेरे मन में हमेशा शुभविचार होते हैं।
मम मनसि सर्वदा शुभविचाराः भवन्ति।
संबोधन
- अरे मन, ईश्वर का ध्यान कर।
अरे मनः, ईश्वरस्य ध्यानं कुरु।
मनस् शब्द रूपाणि वाक्यानि सम्यक् लिखितानि सन्ति ।
Hindi aur Samskritha me |
धन्यवाद।