संस्कृत व्याकरण (Sanskrit grammar) की विशेषता यहै है कि यह दुनिया का सबसे शास्त्रशुद्ध व्याकरण है। छः वेदांगों में से एक वेदांग व्याकरण भी है। व्याकरण को वेदों का मुख माना गया है
व्याकरण शब्द की व्याख्या
व्याक्रियन्ते व्युत्पाद्यन्ते शब्दाः अनेनेति व्याकरणम्।
अर्थात् जिस शास्त्र से शब्दों का प्रकृति-प्रत्यय के रूप विभाजन करके अर्थज्ञान किया जाता है तथा नवीन शब्दों की व्युत्पत्ति की जाती है उस को व्याकरण कहते हैं।
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