मधुकर शिवशंकर
मनस् शब्द रूप Manas Shabda Roop in Sanskrit
मनस् शब्द एक सकारान्त शब्द है। यह एक नपुंसकलिंग का शब्द है। सकारान्त किसे कहते हैं? What is Sakārānta जिस शब्द के अन्त में स् यह ध्वनि होती है वह सकारान्त शब्द होता है। अन्य सकारान्त शब्द अन्य भी सकारान्त शब्द हैं। उनके भी रूप मनस् शब्द के समान चलते हैं। जैसे कि – तेजस्, … Read more
राजन् शब्द रूप Rajan Shabda Roop in Sanskrit
राजन् शब्द एक नकारान्त शब्द है। यह एक पुँल्लिंग का शब्द है। नकारान्त किसे कहते हैं? जिस शब्द के अन्त में न् यह ध्वनि होती है वह नकारान्त शब्द होता है। अन्य नकारान्त शब्द नकारान्त शब्द अनेक प्रकार के होते हैं। विभिन्न प्रत्यय लगकर अलग-अलग तरह के नकारान्त शब्द बनते हैं। राजन् शब्द के सभी … Read more
8.4.58. अनुस्वारस्य ययि परसवर्णः।
यह सूत्र परसवर्ण संधि का पहला सूत्र है। हालांकि परसवर्ण संधि को सीखने के लिए इन तीनों सूत्रों का अध्ययन होना आवश्यक है – इस लेख में हम 8.4.58. अनुस्वारस्य ययि परसवर्णः। इस सूत्र का अध्ययन कर रहे हैं। बाकी दोनों सूत्रों का भी अध्ययन हम आने वाले लेखों में करेंगे। 8.4.58. अनुस्वारस्य ययि परसवर्णः … Read more
अकः सवर्णे दीर्घः । ६ । १ । १०१ ॥
अकः सवर्णे दीर्घः । ६ । १ । १०१ ॥ यह सूत्र दीर्घ सन्धि का विधान करने वाला सूत्र है। अनुवृत्ति अनुवृत्ति के साथ संपूर्ण सूत्र अकः पूर्वपरयोः एकः दीर्घः सवर्णे अचि। सूत्र का हिन्दी शब्दार्थ अकः – अक् का, पूर्वपरयोः – पूर्व और पर दोनों के स्थान पर, एकः – एक, दीर्घः – दीर्घ … Read more
1.3.9. तस्य लोपः
तस्य लोपः इस सूत्र को समझने के लिए सर्वप्रथम हमें यह समझना पड़ेगा कि इत् किसे कहते हैं। पाणिनीय अष्टाध्यायी में उपदेशेऽजनुनासिक इत्। (१.३.२) इस सूत्र से लेकर न विभक्तौ तुस्माः। (१.३.८) इन सात सूत्रों में बताया है कि इत् इसे कहते हैं। और यदि बात लघुसिद्धान्तकौमुदी की करें तो लघुसिद्धान्त कौमुदी में हलन्त्यम् इस … Read more
1.1.71. आदिरन्त्येन सहेता
यह सूत्र एक संज्ञासूत्र है जो प्रत्याहार-संज्ञा का विधान करता है। यानी इस सूत्र से हमे पता चलता है कि प्रत्याहार किस प्रकार से होता है। सूत्र का पदच्छेद आदिः अन्त्येन सह इता अनुवृत्तिसहित सूत्र आदिः अन्त्येन इता सह स्वस्य रूपस्य (बोधकः भवति) शब्दार्थ अर्थात् – आदि आखरी इत् के साथ खुद के रूप का … Read more
1.4.14. सुप्तिङन्तं पदम्
यह सूत्र हमें ‘पद’ संज्ञा के बारे में बताता है। बहुत बार हिन्दी में पद और शब्द इन दोनों को समानार्थक मानते हैं। परन्तु इन दोनों में भेद है। किसी भी सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं। परन्तु संस्कृत व्याकरण की दृष्टि से देखा जाए तो पद एक भिन्न संज्ञा है। इस संज्ञा को सुप्तिङन्तं … Read more
1.4.109. परः सन्निकर्षः संहिता
इस सूत्र में हमें बताया है कि संहिता किसे कहते हैं। एक महत्त्वपूर्ण बात जिसे हमें ध्यान में रखना है कि संहिता को ही सन्धि कहते हैं। अर्थात् परः सन्निकर्षः संहिता यह सूत्र हमें बताता है कि सन्धि किसे कहते हैं। यानी इस सूत्र में सन्धि की परिभाषा बताई गई है। सूत्र का शब्दार्थ इस … Read more
1.1.7. हलोऽनन्तराः संयोगः
संयोग को ही हिन्दी व्याकरण में संयुक्ताक्षर कहते हैं। यानी इस सूत्र से हमे पता चलता है कि संयुक्ताक्षर किसे कहते हैं। मराठी भाषा में इस संयोग को जोडाक्षर कहते हैं। हलोऽनन्तराः संयोगः इस सूत्र में संयोग इस संज्ञा के बारे में बताया है। यानी इस सूत्र में बताया है कि संयोग किसे कहते हैं। … Read more