शतृ प्रत्यय (सरल अध्ययन)

मूलतः शतृ प्रत्यय का अर्थ वर्तमान काल है। वैसे तो संस्कृत भाषा में वर्तमान काल के लिए लट् लकार का प्रयोग करते हैं। तथापि लट् लकार के स्थान पर शतृ प्रत्यय का भी प्रयोग कर सकते हैं। और साथ ही शतृ प्रत्यय का प्रयोग भविष्यत् काल (लृट् लकार) (Future tense) के लिए भी हो सकता … Read more

क्त प्रत्यय

संस्कृत व्याकरण में, आम संस्कृत संभाषण में क्त और क्तवतु इन दोनों प्रत्ययों का बहुत प्रयोग किया जाता है। इन दोनों प्रत्ययों का प्रयोग भूतकाल व्यक्त करने के लिए करते हैं। हम इस लेख में क्त इस संस्कृत प्रत्यय का अभ्यास करने वाले हैं। क्तवतु प्रत्यय के अध्ययन हेतु इस लेख को पढ़िए –https://kakshakaumudi.in/प्रत्यय/कृदन्त/क्तवतु-प्रत्यय/ क्त … Read more

अनीयर् प्रत्यय

इन उदाहरणों को पढ़िए – रामेण वनं गमनीयम्। राम ने वन जाना चाहिए। रावणेन सीता चोरणीया। रावण ने सीता को चुराना चाहिए। मारुतिना सीता शोधनीया। हनुमान जी ने सीता को खोजना चाहिए। रामेण रावणः मारणीयः। राम ने रावण को मारना चाहिए। इन वाक्यों में अधोरेखांकित पदों को ध्यान से पढ़िए। इन पदों में अनीयर् इस … Read more

तुमुन् प्रत्यय – संस्कृत

कई शिक्षक इस प्रत्यय को आसानी से समझाने के लिए धातुओं की चतुर्थी विभक्ति भी कहते हैं। क्योंकि हिन्दी में अनुवाद करते समय तुमुन् प्रत्यय का अर्थ – के लिए ऐसा लेते हैं। लेकिन मूल संस्कृत में इसका अर्थ अलग ही बताया है।

क्तवतु प्रत्यय

क्त (kta) और क्तवतु (ktawatu) ये दोनों भी प्रत्यय भूतकालवाचक हैं। परन्तु इन दोनों में अन्तर है। क्त प्रत्यय भाव और कर्म इस अर्थ में (यानी कर्मवाच्य / कर्मणि प्रयोग) होता है। तथा क्तवतु कर्ता इस अर्थ में होता है। इसीलिए क्तवतु प्रत्यय का प्रयोग हमेश कर्तृवाच्य (कर्तरि प्रयोग) में होता है। वैसे क्तवतु प्रत्यय … Read more

शतृ प्रत्यय (ससूत्र अध्ययन)

इस लेख में हम शतृ प्रत्यय का ससूत्र अध्ययन (सूत्रों के साथ। यहाँ सूत्रों से हमारा तात्पर्य है पाणिनीय अष्टाध्यायी के सूत्र) कर रहे हैं। अतः यह लेख किंचित् विस्तृत होगा। परन्तु यदि आप शतृ प्रत्यय का संक्षित्प और सरलता से अध्ययन करना चाहते हैं, तो इस लेख को पढ़िए, जिसमें शतृँ प्रत्यय को हम … Read more

क्त्वा – ल्यप् प्रत्यय। अर्थ-उदाहरण। Ktwa-Lyap Meaning – Examples

क्त्वा – ल्यप् प्रत्यय क्या हैं इस चित्र को देखिए – इस चित्र में एक बालक है जो देख कर लिख रहा है। अर्थात् यहाँ दो कार्य किए जा रहे हैं। – परन्तु यहाँ महत्त्वपूर्ण बात यह है कि एक ही कर्ता इन दोनों क्रियाओं को कर रहा है – बालक। इस चित्र का वर्णन … Read more