लोट् लकार

लोट् लकार का प्रयोग आज्ञा देने के लिए होता है। यदि आप किसी को आज्ञा देना चाहते हैं, तो धातु से लोट् लकार होता है। लोट् लकार के प्रत्यय हर लकार की तरह लोट् लकार के भी परस्मैपदी तथा आत्मनेपदी ऐसे दो प्रकार के प्रत्यय होते हैं। तथा उभयपदी धातुओं से दोनों भी प्रकार के … Read more

पञ्च लकाराः

वैसे अगर देखा जाए तो संस्कृत भाषा में दस लकार हैं। परन्तु यदि सामान्य भाषा की दृष्टि देखा जाए तो लट्, लृट्, लङ्, लोट् औ विधिलिङ् इन पांच लकारों से ही काम चल सकता है। (उस में भी क्तवतु प्रत्यय का प्रयोग करें, तो लङ् लकार की भी आवश्यकता नहीं है।) अतः जिनको प्राथमिक संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करना है, उनके लिए यह लेख है।

लङ् लकार। भूतकाल। संस्कृत॥

लङ् लकार भूतकाल संस्कृत प्रथम पुरुष

धातुरूपाणि

लकार प्रक्रिया के द्वारा धातु से क्रियापद बनाया जाता है। यूँ तो लकार दस प्रकार के होते हैं – लट् लिट् लुट् लृट् लेट् लोट् लङ् लिङ् लुङ् लृङ् तथापि सामान्य भाषा में तथा शालेय परीक्षा हेतु पांच लकार पर्याप्त  होते हैं – लट् – वर्तमान काल । बालकः पठति। बालक पढता है। लङ् – … Read more