अनुनासिकत्व सन्धि

इस सन्धि में वर्गीय प्रथम वर्ण के स्थान पर उस ही वर्ग का पंचम वर्ण आदेश हो जाता है। और सारे वर्गीय पंचम वर्ण अनुनासिक होते हैं, अतः इस सन्धि को अनुनासिकत्व सन्धि भी कहते हैं।

जश्त्व सन्धि

इस सन्धि का दूसरा नाम जश्त्व सन्धि भी है। जश्त्व सन्धि का सूत्र वर्गीय प्रथमवर्ण + मृदु वर्ण = वर्गीय प्रथमवर्म –>> वर्गीय तृतीयवर्ण यदि वर्गीय प्रथम वर्ण के बाद कोई भी मृदु वर्ण आता है, तो उस वर्गीय प्रथम वर्ण का परिवर्तन हो कर उसकी जगह पर वर्गीय तृतीय वर्ण आ जाता है। वर्गीय … Read more

णत्व विधान

बहुत बारे छात्रों को समस्या होती है कि – देव शब्द की तृतीया एकवचन – देवेन ऐसा होता है। परन्तु राम शब्द का तृतीया एकवन – रामेण  ऐसा होता है। क्यों? ज्ञा धातु का रूप  जानाति बनता है। परन्तु – क्री धातु का रूप क्रीणाति ऐसा होता है। नख (नाखून) इस शब्द में न है। … Read more