बहुव्रीहि समास के प्रकार
बहुव्रीहि समास के दो प्रकार होते हैं। व्यधिकरण बहुव्रीहि समास समानाधिकरण बहुव्रीहि समास व्यधिकरण बहुव्रीहि समास के प्रकार – द्वितीया तृतीया चतुर्थी पञ्चमी षष्ठी सप्तमी
संस्कृत कक्षा में शीतल चन्द्रप्रकाश
बहुव्रीहि समास के दो प्रकार होते हैं। व्यधिकरण बहुव्रीहि समास समानाधिकरण बहुव्रीहि समास व्यधिकरण बहुव्रीहि समास के प्रकार – द्वितीया तृतीया चतुर्थी पञ्चमी षष्ठी सप्तमी
बहुव्रीहि समास १. समासकार्यम् बहुव्रीहि समास में हमें कुछ इस प्रकार के पद दिए जाते हैं जिनका हमें समास कार्य करना होता है। नीलः कण्ठः यस्य सः।– इन को ध्यान से देखा जाए तो इनका प्रारूप कुछ इस प्रकार का होता है। <पूर्वपद> <उत्तरपद> <यत्> <तत्>– पूर्वोक्त उदाहरण में नीलः पूर्वपद है, कण्ठः उत्तरपद है, … Read more