नश्चापदान्तस्य झलि ८।३।२४॥

म् का और न् का, जो पद के अन्त में नहीं है, अनुस्वार होता है झल् में

मोऽनुस्वारः ८।३।२३॥

पदान्त म् का अनुस्वार होता है हल् परे रहने पर

संस्कृत प्रश्नोत्तरी ११.११.२०२०

आज की संस्कृत प्रश्नोत्तरी अनुच्छेद पर आधारित प्रश्नों की है। नीचे आप को कक्षा दशमी के शेमुषी – द्वितीयो भाग के एक पाठ से अनुच्छेद दिया जा रहा है। उसे पढ़ कर प्रश्नोत्तरी हल कीजिए। पाठ्यवस्तु पाठ – जननी तुल्यवत्सला। शेमुषी – कक्षा दशमी। अनुच्छेद कश्चित् कृषकः बलीवर्दाभ्यां . . . . . किमेवं रोदिषि? … Read more

खरि च ८।४।५५॥

झलों का चर् होता है खर् में।

यरोऽनुनसिकेऽनासिको वा ८।४।४५॥

यर् का अनुनासिक में अनुनासिक विकल्प से होता है।

ष्टुना ष्टुः ८।४।४१॥

स्तु का ष्टु से ष्टु होता है।

स्तोः श्चुना श्चुः ८।४।४०॥

स्तु का श्चु से श्चु होता है।

प्रश्नावली अव्ययीभाव समास

अनु और उप अव्ययीभाव समासों पर आधारित प्रश्नावली। https://forms.office.com/Pages/AnalysisPage.aspx?id=DQSIkWdsW0yxEjajBLZtrQAAAAAAAAAAAAN__g5IgBJURE9NRlY2Tzk3UkpLQUw1RU5COTZQUEQyTi4u&AnalyzerToken=9k44iRykmC5txDL4Auh5WOMvzAWYFnZA

वृद्धिरेचि ६।१।८८॥

इको यण् अचि। इस सूत्र में अचि यह पद है। इस पद की अनुवृत्ति इन दोनों सूत्रों में होती है। एचोऽयवायावः (अचि)। आद् गुणः (अचि)। परन्तु वृद्धिरेचि इस सूत्र में अचि की अनुवृत्ति नहीं है। अपितु आद्गुणः से आद् की अनुवृत्ति होती है। और अचि की अनुवृत्ति की जगह पर एचि यह नया पद इस … Read more