तुमुन् प्रत्यय – संस्कृत
कई शिक्षक इस प्रत्यय को आसानी से समझाने के लिए धातुओं की चतुर्थी विभक्ति भी कहते हैं। क्योंकि हिन्दी में अनुवाद करते समय तुमुन् प्रत्यय का अर्थ – के लिए ऐसा लेते हैं। लेकिन मूल संस्कृत में इसका अर्थ अलग ही बताया है।
संस्कृत कक्षा में शीतल चन्द्रप्रकाश
कई शिक्षक इस प्रत्यय को आसानी से समझाने के लिए धातुओं की चतुर्थी विभक्ति भी कहते हैं। क्योंकि हिन्दी में अनुवाद करते समय तुमुन् प्रत्यय का अर्थ – के लिए ऐसा लेते हैं। लेकिन मूल संस्कृत में इसका अर्थ अलग ही बताया है।
क्त (kta) और क्तवतु (ktawatu) ये दोनों भी प्रत्यय भूतकालवाचक हैं। परन्तु इन दोनों में अन्तर है। क्त प्रत्यय भाव और कर्म इस अर्थ में (यानी कर्मवाच्य / कर्मणि प्रयोग) होता है। तथा क्तवतु कर्ता इस अर्थ में होता है। इसीलिए क्तवतु प्रत्यय का प्रयोग हमेश कर्तृवाच्य (कर्तरि प्रयोग) में होता है। वैसे क्तवतु प्रत्यय … Read more
इस लेख में हम शतृ प्रत्यय का ससूत्र अध्ययन (सूत्रों के साथ। यहाँ सूत्रों से हमारा तात्पर्य है पाणिनीय अष्टाध्यायी के सूत्र) कर रहे हैं। अतः यह लेख किंचित् विस्तृत होगा। परन्तु यदि आप शतृ प्रत्यय का संक्षित्प और सरलता से अध्ययन करना चाहते हैं, तो इस लेख को पढ़िए, जिसमें शतृँ प्रत्यय को हम … Read more