द्वितीया विभक्ति – संस्कृत

द्वितीया विभक्ति का कारक अर्थ द्वितीया विभक्ति का कारक अर्थ होता है – कर्म (object)। कर्म की व्याख्या इस सूत्र के द्वारा की है –       कर्तुरीप्सिततमं कर्म।१।४।२९॥ कर्ता क्रिया के द्वारा जिस सबसे ज्यादा चाहता है, वह कर्म है। द्वितीया विभक्ति के सूत्र कर्मणि द्वितीया।२।३।२॥ कर्तृवाच्य/कर्तरि प्रयोग (active voice) के वाक्य में कर्म की … Read more