उत्तम पुरुष वाच्यपरिवर्तनम्

अहम् आवाम् वयम् इन तीनों को उत्तम पुरुष कहते हैं।   एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा अहम् (मैं) आवाम् (हम दोनों) वयम् (हम सब) द्वितीया माम् (मुझे) आवाम् (हम  दोनों को) अस्मान् (हम सब को) तृतीया मया (मेरे द्वारा) आवाभ्याम् (हम दोनों के द्वारा) अस्माभिः (हम सब के द्वारा) लट् लकार – उत्तमपुरुषी प्रत्यय परस्मैपद – … Read more

मध्यम पुरुष वाच्य

सूत्र कर्तृवाच्य – (कर्ता + प्रथमा) (कर्म + द्वितीया) (क्रिया – धातु + परस्मैपद/आत्मनेपद) कर्तृवाच्य में क्रिया कर्ता के अनुरूप होती है। कर्मवाच्य – (कर्ता + तृतीया) (कर्म + प्रथमा) (क्रिया – धातु + य + आत्मनेपद) कर्मवाच्य में क्रिया कर्म के अनुरूप होती है। उदाहरण   १ २. २+ प्रथमा त्वम् – सि/से युवाम् … Read more

अभ्यास 1 वाच्य परिवर्तन

1. कर्तृवाच्य / कर्तरि प्रयोग (Active voice) सूत्र – (कर्ता + प्रथमा) (कर्म + द्वितीया) (धातु + लकार) नियम – कर्तृवाच्य के वाक्य में कर्ता का जो पुरुष और वचन होता है वही पुरुष और वचन क्रियापद का भी होता है। उदाहरण बालक श्लोक लिखता है। बालकः श्लोकं लिखति। 2. कर्मवाच्य / कर्मणि प्रयोग (Passive … Read more

भाव वाच्य / भावे प्रयोग

भाव वाच्य Impersonal voice ऊपरी वीडिओ में संक्षेप से भाव वाच्य के बारे में बताया है। विस्तार से भाववाच्य पढने के लिए इस लेख को पढ़िए – भाववाच्य को समझने के क्रम में हम सर्वप्रथम क्रिया के प्रकार को समझेगे। कर्म के आधार पर क्रियाओं के दो प्रकार होते हैं – कर्तृवाच्य / कर्तरि प्रयोग … Read more

कर्मवाच्य / कर्मणि प्रयोग

कर्मवाच्य कर्मणि प्रयोग Passive voice

कर्तृवाच्य / कर्तरि प्रयोग

जिस संस्कृत वाक्य में क्रिया कर्ता के अनुसार होती है वह कर्तृवाच्य अथवा कर्तरि प्रयोग कहा जाता है।

अभ्यास १ वाच्य परिवर्तन

रावणः सीतां नयति। रावणेन सीता नीयते। आञ्जनेयः रामं नमति। आञ्जनेयेन रामः नम्यते। बालकः रोटिकां खादति। बालकेन रोटिका खाद्यते। शिष्यः श्लोकं लिखति। शिष्येण श्लोकः लिख्यते। आचार्यः श्लोकं पाठयति। आचार्येण श्लोकः पाठ्यते। आचार्यः संस्कृतं पाठयति। आचार्येण संस्कृतं पाठ्यते। गणेशः वस्त्रं प्रक्षालयति। गणेशेन वस्त्रं प्रक्षाल्यते। छात्रः विद्यालयं गच्छति। छात्रेण विद्यालयः गम्यते। भक्तः देवस्य मूर्तिं पश्यति। भक्तेन देवस्य मूर्तिः … Read more