उत्तम पुरुष वाच्यपरिवर्तनम्

अहम् आवाम् वयम् इन तीनों को उत्तम पुरुष कहते हैं।   एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा अहम् (मैं) आवाम् (हम दोनों) वयम् (हम सब) द्वितीया माम् (मुझे) आवाम् (हम  दोनों को) अस्मान् (हम सब को) तृतीया मया (मेरे द्वारा) आवाभ्याम् (हम दोनों के द्वारा) अस्माभिः (हम सब के द्वारा) लट् लकार – उत्तमपुरुषी प्रत्यय परस्मैपद – … Read more

मध्यम पुरुष वाच्य

सूत्र कर्तृवाच्य – (कर्ता + प्रथमा) (कर्म + द्वितीया) (क्रिया – धातु + परस्मैपद/आत्मनेपद) कर्तृवाच्य में क्रिया कर्ता के अनुरूप होती है। कर्मवाच्य – (कर्ता + तृतीया) (कर्म + प्रथमा) (क्रिया – धातु + य + आत्मनेपद) कर्मवाच्य में क्रिया कर्म के अनुरूप होती है। उदाहरण   १ २. २+ प्रथमा त्वम् – सि/से युवाम् … Read more

भाव वाच्य / भावे प्रयोग

क्रियाओं के दो प्रकार होते हैं – सकर्मक अकर्मक कर्तृवाच्य / कर्तरि प्रयोग तो सकर्मक और अकर्मक इन दोनों क्रियाओं के साथ होता है। जैसे कि – सकर्मक – बालक रोटी खाता है। बालकः रोटिकां खादति। अकर्मक – बालक हँसता है। बालकः हसति। अकर्मक वाक्यों का वाच्यपरिवर्तन कैसे कहते हैं? अकर्मक वाक्यों से कर्तृवाच्य और … Read more

कर्मवाच्य / कर्मणि प्रयोग

कर्मवाच्य कर्मणि प्रयोग Passive voice

कर्तृवाच्य / कर्तरि प्रयोग

जिस संस्कृत वाक्य में क्रिया कर्ता के अनुसार होती है वह कर्तृवाच्य अथवा कर्तरि प्रयोग कहा जाता है।