पञ्च लकाराः

वैसे अगर देखा जाए तो संस्कृत भाषा में दस लकार हैं। परन्तु यदि सामान्य भाषा की दृष्टि देखा जाए तो लट्, लृट्, लङ्, लोट् औ विधिलिङ् इन पांच लकारों से ही काम चल सकता है। (उस में भी क्तवतु प्रत्यय का प्रयोग करें, तो लङ् लकार की भी आवश्यकता नहीं है।) अतः जिनको प्राथमिक संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करना है, उनके लिए यह लेख है।