वृद्धि किसे कहते हैं? संस्कृत व्याकरण में वृद्धि संज्ञा

वैसे तो वृद्धि इस शब्द का अर्थ होता है बढ़ौतरी होना। परन्तु संस्कृत व्याकरण की दृष्टि से देखा जाए तो यह एक संज्ञा है। संस्कृत भाषा के तीन स्वर ऐसे हैं जिन को वृद्धि इस नाम से जानते हैं। वृद्धि संज्ञा का सूत्र अष्टाध्यायी में इस सूत्र के द्वारा वृद्धि संज्ञा का विधान किया है … Read more

कर्मवाच्य / कर्मणि प्रयोग

कर्मवाच्य कर्मणि प्रयोग Passive voice

संस्कृत प्रश्ननिर्माण २

विशेषण के लिए कीदृश शब्द की मदद से प्रश्ननिर्माण करना

संस्कृत प्रश्ननिर्माण १

हमें अपेक्षित उत्तर के लिंग, विभक्ति और वचन के अनुसार किम् शब्द लिखना है। ना कि उसके दृश्य के अनुसार। इस सूत्र को यदि आप ने आत्मसात करें।

मोऽनुस्वारः ८।३।२३॥

पदान्त म् का अनुस्वार होता है हल् परे रहने पर

अष्टाध्यायी सूत्रों के प्रकार

अष्टाध्यायी में छः प्रकार के सूत्र पाए जाते हैं। – संज्ञा च परिभाषा च विधिर्नियम एव च। अतिदेशोऽधिकारश्च षड्विधं सूत्रलक्षणम्॥

सह। अव्ययीभाव समास॥

विग्रहसूत्र (पूर्वपद + तृतीया) सहितम् सहितम् इस शब्द का अर्थ सहितम् इस शब्द अर्थ – साथ (With) ऐसा होता है। सहितम् इस शब्द की उपपद विभक्ति – तृतीया सीता राम के साथ वन जाती है। सामान्य परिस्थिति में इव वाक्य में मौजूद – राम के साथ इस का अनुवाद रामस्य सहितम् ऐसा हो सकता था। … Read more

लङ् लकार। भूतकाल। संस्कृत॥

लङ् लकार भूतकाल संस्कृत प्रथम पुरुष