भाव वाच्य / भावे प्रयोग

क्रियाओं के दो प्रकार होते हैं – सकर्मक अकर्मक कर्तृवाच्य / कर्तरि प्रयोग तो सकर्मक और अकर्मक इन दोनों क्रियाओं के साथ होता है। जैसे कि – सकर्मक – बालक रोटी खाता है। बालकः रोटिकां खादति। अकर्मक – बालक हँसता है। बालकः हसति। अकर्मक वाक्यों का वाच्यपरिवर्तन कैसे कहते हैं? अकर्मक वाक्यों से कर्तृवाच्य और … Read more

कर्मवाच्य / कर्मणि प्रयोग

कर्मवाच्य कर्मणि प्रयोग Passive voice

कर्तृवाच्य / कर्तरि प्रयोग

जिस संस्कृत वाक्य में क्रिया कर्ता के अनुसार होती है वह कर्तृवाच्य अथवा कर्तरि प्रयोग कहा जाता है।

अभ्यास १ वाच्य परिवर्तन

रावणः सीतां नयति। रावणेन सीता नीयते। आञ्जनेयः रामं नमति। आञ्जनेयेन रामः नम्यते। बालकः रोटिकां खादति। बालकेन रोटिका खाद्यते। शिष्यः श्लोकं लिखति। शिष्येण श्लोकः लिख्यते। आचार्यः श्लोकं पाठयति। आचार्येण श्लोकः पाठ्यते। आचार्यः संस्कृतं पाठयति। आचार्येण संस्कृतं पाठ्यते। गणेशः वस्त्रं प्रक्षालयति। गणेशेन वस्त्रं प्रक्षाल्यते। छात्रः विद्यालयं गच्छति। छात्रेण विद्यालयः गम्यते। भक्तः देवस्य मूर्तिं पश्यति। भक्तेन देवस्य मूर्तिः … Read more

अपेक्षित पूर्वज्ञान

संस्कृत भाषा में वाच्य परिवर्तन / प्रयोग (Voice) को प्रयोग इस नाम से भी जाना जाता है। जिसे अंग्रेजी में Voice कहते हैं। संस्कृत भाषा में तीन वाच्य (प्रयोग) होते हैं – कर्तृवाच्य / कर्तरि प्रयोग (Active voice) कर्मवाच्य / कर्मणि प्रयोग (Passive voice) भाववाच्य / भावे प्रयोग (Impersonal voice) इस लेख में हम केवल … Read more