अस्मद्
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एकवचनम्
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द्विवचनम्
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बहुवचनम्
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प्रथमा
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अहम्
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आवाम्
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वयम्
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द्वितीया
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माम् / मा
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आवाम् / नौ
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अस्मान् / नः
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तृतीया
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मया
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आवाभ्याम्
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अस्माभिः
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चतुर्थी
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मह्यम् / मे
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आवाभ्याम् / नौ
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अस्मभ्यम् / नः
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पञ्चमी
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मत्
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आवाभ्याम्
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अस्मत्
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षष्ठी
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मम / मे
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आवयोः / नौ
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अस्माकम् / नः
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सप्तमी
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मयि
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आवयोः
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अस्मासु
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वाक्यों में प्रयोग के साथ अस्मद् शब्द के उदाहरण
१.१. अहं छात्रः अस्मि।
– मैं छात्र हूँ।
१.२. आवां छात्रौ स्वः।हम दोनों छात्र हैं।
१.३. वयं छात्राः स्मः।
– हम सब छात्र हैं।
२.१. ईश्वरः मां पश्यति।
– ईश्वर मुझे देखता है।
२.२. ईश्वरः आवां पश्यति।
– ईश्वर हम दोनों को देखता है।
२.३. ईश्वरः अस्मान् पश्यति।
– ईश्वर हम सब को देखता है।
३.१. मया जलं पीयते।
– मेरे द्वा पानी पीया जाता है।
३.२. आवाभ्यां जलं पीयते।
– हम दोनों के द्वारा पानी पीया जाता है।
३.३. अस्माभिः जलं पीयते।
– हम सब के द्वारा पानी पीया जाता है।
४.१. गणेशः मह्यं पुस्तकं ददाति।
– गणेश मुझे पुस्तक देता है।
४.२. गणेशः आवाभ्यां पुस्तकं ददाति।
– गणेश हम दोनों को पुस्तक देता है।
४.३. गणेशः अस्मभ्यं पुस्तकं ददाति।
– गणेश हम सब को पुस्तक देता है।
५.१. विश्वासः मत् पुस्तकं स्वीकरोति।
– विश्वास मुझ से पुस्तक लेता है।
५.२. विश्वासः आवाभ्यां पुस्तकं स्वीकरोति।
– विश्वास हम दोनों से पुस्तक लेता है।
५.३. विश्वासः अस्मत् पुस्तकं स्वीकरोति।
– विश्वास हम सब से पुस्तक लेता है।
६.१. एतत् मम गृहम् अस्ति।
– यह मेरा घर है।
६.२. एतत् आवयोः गृहम् अस्ति।
– यह हम दोनों का घर है।
६.३. एतत् अस्माकं गृहम् अस्ति।
– यह हम सभी का घर है।
७.१. देवदत्तः मयि विश्वसिति।
– देवदत्त मुझ पर विश्वास करता है।
७.२. देवदत्तः आवयोः विश्वसिति।
– देवदत्त हम दोनों पर विश्वास करता है।
७.३. देवदत्तः अस्मासु विश्वसिति।
– देवदत्त हम सभी पर विश्वास करता है।
कक्षा कौमुदी के द्वारा अन्य शब्दरूपों को भी यहाँ पढ़िए –
https://kakshakaumudi.in/शब्दरूप
वयं छात्रौ स्वः।
– हम दोनों छात्र हैं।
१.३. क्या यहां “आवां छात्रौ स्वः ” होना चाहिए?
Dr. O. P. Billore जी।
सुधार किया गया।
आप की प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद।