वृद्धि सन्धि
आ, ऐ, औ इन तीनों स्वरों को वृद्धि कहते हैं। तथा प्रस्तुत सन्धि में आदेश रूप में ऐ और औ ये दोनों स्वर आते हैं। इसीलिए इस सन्धि को वृद्धि सन्धि कहते हैं।
संस्कृत कक्षा में शीतल चन्द्रप्रकाश
आ, ऐ, औ इन तीनों स्वरों को वृद्धि कहते हैं। तथा प्रस्तुत सन्धि में आदेश रूप में ऐ और औ ये दोनों स्वर आते हैं। इसीलिए इस सन्धि को वृद्धि सन्धि कहते हैं।
इस लेख में हम स्वरसन्धि के प्रकारों को पढ़ेंगे। स्वरसन्धि किसे कहते हैं इस विषय में हमने – सन्धि के प्रकार इस लेख में पढ़ लिया है। अतः हमें पता है कि जब पूर्व वर्ण और उत्तर वर्ण दोनों भी स्वर होते हैं, तब वह सन्धि स्वरसन्धि होता है। सामान्यतः स्वरसन्धि के विषय में निम्न … Read more
सन्धिप्रकरण संस्कृत व्याकरण में सबसे आसान प्रकरण माना जाता है। तथापि बहुत बुनियादी बातों को जानना ज़रूरी होता है। बहुतेरे लोगों को सन्धि और सन्धिकार्य में अन्तर भी पता नहीं होता है। एक सन्धि में एक से ज़्यादा भी सन्धिकार्य हो सकते हैं। चलिए, सन्धि और सन्धिकार्य को समझते हैं। व्यवहार में सन्धि का अर्थ … Read more
बहुत बारे छात्रों को समस्या होती है कि – देव शब्द की तृतीया एकवचन – देवेन ऐसा होता है। परन्तु राम शब्द का तृतीया एकवन – रामेण ऐसा होता है। क्यों? ज्ञा धातु का रूप जानाति बनता है। परन्तु – क्री धातु का रूप क्रीणाति ऐसा होता है। नख (नाखून) इस शब्द में न है। … Read more
विसर्गस्थाने श्/ष्/स् यह विसर्ग संधि है। इस संधि में भले ही विसर्ग के स्थान पर श्, ष् अथवा स् ऐसे आदेश होते हैं। तथापि बहुत बार इस संधि को सत्व संधि कहा जाता है। सत्व सन्धि के अभ्यास में हमें कुल चार सूत्र पढने हैं। इन चारों सूत्रों को याद करने से काम बन जाएगा। … Read more
विसर्ग का लोप कैसे होता है? प्रस्तावना विसर्ग का लोप समझने से पहले हमें लोप किसे कहते हैं यह समझना जरूरी है। लोप की व्याख्या अष्टाध्यायी में दी गई है – अदर्शनं लोपः।१।१।६०॥ यह सूत्र कहता है कि और दर्शन यानी लोप है। और दर्शन यानी न दिखना। गायब हो जाना। इसे ही … Read more
यहां कक्षा दशमी संस्कृत विषय के २०१९-२० इस शैक्षिक वर्ष के लिए निर्धारित सभी सन्धियोंं के सूत्र तथा उदाहरण एकत्रित किए गए हैं। सभी सूत्रों को एक नजर में समझने के लिए यह बहुत उपयोगी है। कक्षा दशमी के लिए निर्धारित सन्धि – १. व्यञ्जनसन्धयः i. तुगागमः ii. मोऽनुस्वारः iii. जश्त्वम् iv. अनुनासिकत्वम् २. विसर्गसन्धयः … Read more