प्रश्नावली अव्ययीभाव समास

अनु और उप अव्ययीभाव समासों पर आधारित प्रश्नावली। https://forms.office.com/Pages/AnalysisPage.aspx?id=DQSIkWdsW0yxEjajBLZtrQAAAAAAAAAAAAN__g5IgBJURE9NRlY2Tzk3UkpLQUw1RU5COTZQUEQyTi4u&AnalyzerToken=9k44iRykmC5txDL4Auh5WOMvzAWYFnZA

अष्टाध्यायी सूत्रों के प्रकार

अष्टाध्यायी में छः प्रकार के सूत्र पाए जाते हैं। – संज्ञा च परिभाषा च विधिर्नियम एव च। अतिदेशोऽधिकारश्च षड्विधं सूत्रलक्षणम्॥

सह। अव्ययीभाव समास॥

विग्रहसूत्र (पूर्वपद + तृतीया) सहितम् सहितम् इस शब्द का अर्थ सहितम् इस शब्द अर्थ – साथ (With) ऐसा होता है। सहितम् इस शब्द की उपपद विभक्ति – तृतीया सीता राम के साथ वन जाती है। सामान्य परिस्थिति में इव वाक्य में मौजूद – राम के साथ इस का अनुवाद रामस्य सहितम् ऐसा हो सकता था। … Read more

अष्टाध्यायी सूत्रों के प्रकार

अष्टाध्यायी में छः प्रकार के सूत्र पाए जाते हैं। संज्ञा सूत्र परिभाषा सूत्र विधि सूत्र नियम सूत्र अतिदेश सूत्र अधिकार सूत्र अब हम क्रमशः इन सूत्रों के बारे में पढ़ेगे। संज्ञा सूत्र नामकरणं संज्ञा जिस सूत्र से किसी चीज का कोई एक विशिष्ट नाम रखा जाता है, उस सूत्र को संज्ञासूत्र कहते हैं। संज्ञासूत्र के … Read more

वृद्धिरेचि ६।१।८८॥

इको यण् अचि। इस सूत्र में अचि यह पद है। इस पद की अनुवृत्ति इन दोनों सूत्रों में होती है। एचोऽयवायावः (अचि)। आद् गुणः (अचि)। परन्तु वृद्धिरेचि इस सूत्र में अचि की अनुवृत्ति नहीं है। अपितु आद्गुणः से आद् की अनुवृत्ति होती है। और अचि की अनुवृत्ति की जगह पर एचि यह नया पद इस … Read more

वृद्धिरादैच् १।१।१॥

वृद्धिः आत् ऐच् आत् आ ऐच् ऐ औ। वृद्धिः = आ ऐ औ आ ऐ औ इन तीनों स्वरों को वृद्धि कहते हैं

अदेङ्गुणः १।१।२॥

सूत्रच्छेदः अत् एङ् गुणः अत् – अ एङ् – ए ओ गुणः सूत्र का अर्थ अत् च एङ् च गुणसंज्ञः स्युः। अ, ए और ओ इन तीनों स्वरों को गुण कहते हैं।

उरण् रपरः १।१।५१॥

सूत्रच्छेदः उः अण् रपरः सूत्रार्थ उः – ऋ का अण् – अ इ उ रपर – र से पर अगर ऋ का अण् तो वह र पर होता है। सरल अर्थ ऋ लृ  का अण् र् ल् देवर्षिः – देव + ऋषिः देव + ऋषिः दे (व + ऋ) षिः दे (व् + अ + … Read more