हरि शब्द के रूप । संस्कृत । इकारान्त पुँल्लिंग शब्द

मुनि यह इकारान्त पुँल्लिंग शब्द है और हरि यह शब्द भी इकारान्त पुँल्लिंग शब्द है। मुनि शब्द का तृतीया एकवचन – मुनिना षष्ठी बहुवचन – मुनीनाम् परन्तु हरि इस शब्द का तृतीया एकवचन – हरिणा षष्ठी बहुवचन – हरीणाम् इस के पीछे कारण है – णत्वविधान इस लेख में हम णत्वविधान के उदाहरण हेतु हरि … Read more

मुनि शब्द के रूप। इकारान्त पुँल्लिंग शब्द। संस्कृत वाक्य में प्रयोग उदाहरण

इकारान्त शब्द किसे कहते हैं? जिन शब्दों के अन्त में – इ यह ध्वनि सुनाई देती है वे शब्द इकारान्त शब्द होते हैं। जैसे कि मुनि, हरि, कवि, रवि, सारथि इत्यादि। इन शब्दों के अन्त में इ यह स्वह है। इकारान्त शब्दों में पुँल्लिंग स्त्रीलिंग तथा नपुंसकलिंग – अर्थात् तीनों लिंग के शब्द पाए जाते … Read more

बहुव्रीहिः समासः। संस्कृतम्॥ Bahuvreehi Samas – Sanskrit

बहुव्रीहि समास १. समासकार्यम् बहुव्रीहि समास में हमें कुछ इस प्रकार के पद दिए जाते हैं जिनका हमें समास कार्य करना होता है। नीलः कण्ठः यस्य सः।– इन को ध्यान से देखा जाए तो इनका प्रारूप कुछ इस प्रकार का होता है। <पूर्वपद>  <उत्तरपद> <यत्> <तत्>– पूर्वोक्त उदाहरण में नीलः पूर्वपद है, कण्ठः उत्तरपद है, … Read more

स्वरसन्धि के प्रकार

इस लेख में हम स्वरसन्धि के प्रकारों को पढ़ेंगे। स्वरसन्धि किसे कहते हैं इस विषय में हमने – सन्धि के प्रकार इस लेख में पढ़ लिया है। अतः हमें पता है कि जब पूर्व वर्ण और उत्तर वर्ण दोनों भी स्वर होते हैं, तब वह सन्धि स्वरसन्धि होता है। सामान्यतः स्वरसन्धि के विषय में निम्न … Read more

सन्धि किसे कहते हैं? सन्धि और सन्धिकार्य

सन्धिप्रकरण संस्कृत व्याकरण में सबसे आसान प्रकरण माना जाता है। तथापि बहुत बुनियादी बातों को जानना ज़रूरी होता है। बहुतेरे लोगों को सन्धि और सन्धिकार्य में अन्तर भी पता नहीं होता है। एक सन्धि में एक से ज़्यादा भी सन्धिकार्य हो सकते हैं। चलिए, सन्धि और सन्धिकार्य को समझते हैं। व्यवहार में सन्धि का अर्थ … Read more

संस्कृत वर्णमाला में ळ

ज़्यादातर दाक्षिणात्य भाषाओं में ळ यह व्यंजन देखा जाता है। लेकिन जहा तक संस्कृत की बात करते हैं तो किंचित् सोचना पडता है। वेद संस्कृत के प्राचीनतम साहित्य हैं। और ऋग्वेद की शुरआत में ही – ओ३म् अग्निमीळे पुरोहितम् …. इस तरह से पहले मन्त्र में ळ का प्रयोग (अर्थात्, बाद में भी बहुत बार) … Read more

व्यंजन किसे कहते हैं?

व्यंजन की व्याख्या उस ध्वनि को व्यंजन कहते हैं जिसका उच्चारण करने के लिए किसी स्वर की आवश्यकता होती है। जैसे – क् हम क् यह ध्वनि मुंह से नहीं निकाल सकते। हमें इसके लिए किसी स्वर की आवश्यकता होगी। फिर चाहे वह आगे हो या पीछे। जैसे – क् + अ – क अ … Read more