गुण – संस्कृत व्याकरण में गुणसंज्ञा
गुण संज्ञा का सूत्र पाणिनीय अष्टाध्यायी में बिल्कुल दूसरा ही सूत्र गुण इस संज्ञा की व्याख्या करता है – अदेङ्गुणः। १। १। २॥ इस सूत्र के अनुसार अ, ए और ओ इन तीनों स्वरों को गुण कहते हैं। गुण संज्ञा और गुण सन्धि में अन्तर संज्ञा का अर्थ होता है – नाम। अ, ए और … Read more